2 साल के पार्टी से निष्कासित होंगे सुनील जाखड़, अनुशासन समिति ने सोनिया गांधी को भेजी सिफारिश
पंजाब विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अब एक्शन मोड़ में आ गई है। जिसके बाद कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्रीय अनुशासनात्मक कमेटी की बैठक बुलाई है। समिति ने बैठक के बाद पंजाब कांग्रेस प्रदेश कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ को दो साल के लिए पार्टी से निकालने की सिफारिश की है। इस पर अंतिम मुहर सोनिया गांधी लगाएंगी। पार्टी विरोधी बयानों को लेकर उन्हें नोटिस जारी किया गया था और एक सप्ताह में जवाब मांगा गया था। इस पर उनकी ओर से कोई रिप्लाई न मिलने पर कांग्रेस की अनुशासन समिति ने जाखड़ को दो साल के लिए निलंबित करने की सिफारिश की है। उन पर आरोप है कि हालिया विधानसभा चुनावों में उन्होंने पार्टी के विरोध में बयान दिए थे और इससे कांग्रेस की संभावनाएं कमजोर हुईं। दिल्ली में अनुशासन समिति की बैठक के बाद तारिक अनवर ने कहा कि कमेटी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी सिफारिश सौंप दी है। इसमें सुनील जाखड़ के खिलाफ ऐक्शन का सुझाव दिया गया है। इस बीच मीटिंग होने से पहले सुनील जाखड़ ने अपने तेवर दिखाते हुए एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, आज सर कलम होंगे उनके, जिनमें अभी ज़मीर बाकी है।' उन्होंने अपने ट्वीट में इस एक पंक्ति के अलावा कुछ नहीं लिखा था, लेकिन इशारा साफ था कि वह अनुशासन समिति की मीटिंग के बारे में बात कर रहे हैं। अनवर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि समिति ने एकमत से जाखड़ के खिलाफ ऐक्शन की सिफारिश की है। इस फैसले पर सुनील जाखड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए सिर्फ कांग्रेस को गुड लक कहा। ऐसे में साफ है कि अब वह कांग्रेस में नहीं रहेंगे। सुनील जाखड़ पर आरोप लगे कि उन्होंने पूर्व CM चरणजीत चन्नी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके बारे में पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी ने उनकी शिकायत की थी। वहीं जाखड़ इस बात से नाराज हैं कि कांग्रेस हाईकमान को पहले उनसे बात करनी चाहिए थी। इसकी जगह उन्हें सीधे नोटिस जारी कर दिया गया। जाखड़ का तर्क है कि वह पार्टी के हर अच्छे-बुरे वक्त में साथ रहे। उन्होंने कभी हाईकमान के खिलाफ बयानबाजी नहीं की। इससे पहले सुनील जाखड़ एक्टिव पॉलिटिक्स से किनारा कर चुके हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा। जाखड़ इस बात से नाराज थे कि पहले बिना वजह उन्हें हटाकर नवजोत सिद्धू को प्रधान बना दिया गया। फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह वह सिर्फ इसलिए CM नहीं बन सके क्योंकि वह हिंदू हैं। इस विवाद के पीछे की वजह अंबिका सोनी को मानते हैं, क्योंकि उन्होंने कहा था कि पंजाब का CM सिख समाज से होना चाहिए, जिससे जाखड़ का पत्ता साफ हो गया।