आमटी झील पर खर्च 2.50 करोड़ पानी में बहे, पहली बारिश में ढह गई दीवारें, धंस गई जमीन!
हांसी। हांसी में आमटी झील के रेनोवेशन पर करोड़ों रुपये खर्च कर नगर परिषद के द्वारा किए जा रहे बड़े-बड़े दावों की पोल पहली बारिश में ही खुलकर सामने आ गई! झील के पार्कों की दीवारें ढह गई और जमीन धंस गई। यही नहीं करोड़ों रुपये खर्च कर बनाया गया ड्रेनेज सिस्टम भी फेल हो गया। जिस कारण परिषद के पीछे कॉलोनी के मकानों में दरारे आ गई हैं। नगर परिषद पर भ्रष्टाचार के आरोप अक्सर लगते रहते हैं। परिषद की कार्यप्रणाली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि निर्माण कार्य कुछ ही दिनों में जवाब दे जाते हैं। आमटी झील के साथ भी बिल्कुल ऐसा ही हुई। इस झील को सवर्ण जयंती पार्क के तहत करीब 2.50 करोड़ रुपये खर्च कर संवारा गया। चारदीवारी का निर्माण हुआ, लोहे की ग्रिल लगी, ड्रेनेज सिस्टम सहित कई कार्य इस राशि से करवाए गए। लेकिन पहली बारिश में ही घटिया निर्माण सामग्री व तकनीकि खामियों की कलई खुल गई। 2.50 करोड़ का ये हाल 5 करोड़ और मांगे बजट के अभाव में आमटी पार्क व झील में अभी काफी कार्य पेंडिंग हैं। करीब 2.50 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद अब 5 करोड़ और सरकार से मांगे गए हैं। शहरवासी सवाल उठा रहे हैं कि ढाई करोड़ रुपये के बजट के बाद भी निर्माण क्वालिटी का ये हाल है। ऐसे में 5 करोड़ रुपये की बड़ी राशि भी ऐसे ही पानी ना बह जाए। प्लानिंग की खुल गई पोल आमटी झील के पार्क में पीछे के क्षेत्र का बरसाती पानी जमा होने की लंबे समय से समस्या है। इसके समाधान के लिए नया ड्रेनेज सिस्टम बनाया गया व दीवारें भी बनाई गई। लेकिन बरसाती पानी की निकासी के ये प्रबंध बारिश आते ही धरे के धरे रह गए। प्रोजेक्ट में रेनोवेशन में कई तकनीकी खामियां साफ नजर आ रही हैं। दो साल तक ठेकेदार की जिम्मेदारी नगर परिषद के चेयरपर्सन प्रतिनिधि विनोद सैनी ने बताया कि आमटी झील की दीवार गिरने के बारे में जानकारी मिलते ही ठेकेदार से जवाब मांगा गया है। पार्क का रेनोवेशन करने वाले ठेकेदार के दो साल के गारंटी पीरियड में ये काम है। नगर परिषद द्वारा तय नियम कायदों के अनुसार ही निर्माण कार्य करवाया गया है। दो साल तक सारी मेंनटेनेंस ठेकेदार करेगा और दीवार के निर्माण के निर्देश भी दिए गए हैं। एक्सइएन द्वारा मामले में नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी। ---PTC NEWS---