Mon, Jul 14, 2025
Whatsapp

20 पहले आज ही के दिन संसद भवन पर हुआ था कायराना हमला, ये आतंकी था मास्टरमाइंड

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- December 13th 2021 12:20 PM
20 पहले आज ही के दिन संसद भवन पर हुआ था कायराना हमला, ये आतंकी था मास्टरमाइंड

20 पहले आज ही के दिन संसद भवन पर हुआ था कायराना हमला, ये आतंकी था मास्टरमाइंड

नेशनल डेस्क: आज ही के दिन 20 साल पहले पाकिस्तान (pakistan) से आए पांच आतंकियों ने लोकतंत्र के मंदिर यानि संसद भवन (Parliament house) में खून की होली खेलने की कोशिश की थी, लेकिन भारत के जांबाज सपूतों ने अपनी जान की बाजी लगाकर आतंकियों के इन मंसूबों को नाकाम कर दिया था। आज संसद भवन पर हुए हमले की 20वीं बरसी है। आतंकी हमले की जांच में सामने आया कि इसका मास्टरमाइंड अफजल गुरु था जो पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में आईएसआई के कैंप में ट्रेनिंग भी ले चुका था। उसे ये काम जैश-ए-मोहम्मद के गाजी बाबा ने सौंपा था। जांच में यह भी साफ हुआ कि मारे गए पांचों आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे। [caption id="attachment_557868" align="alignnone" width="300"] parliament indian parliament attack in 2001 terrorist attack, संसद भवन, संसद भवन आतंकी हमला, संसद आतंकी हमला 2021 हमले के दौरान मोर्चा संभाले हुए जवान( फाइल फोटो)[/caption] हमले के दौरान की गई अंधाधुंध फायरिंग में कईं जवान शहीद हो गए और उन्हें आज भी याद किया जाता है। वहीं साल 2001 में हुए पार्लियामेंट हमले की 20वीं बरसी के मौके पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कईं नेताओं ने शहीदों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने शहीदों को प्रेरणा बताते हुए कहा, " मैं उन सभी सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जो 2001 में संसद हमले के दौरान कर्तव्य के दौरान शहीद हुए थे। राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और सर्वोच्च बलिदान हर नागरिक को प्रेरित करता है।" इसके साथ ही नितिन गड़करी, पीयूष गोयल ने इस आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी।

संसद हमले की कहानी पाकिस्तान से आए ये आतंकी संसद भवन के अंदर घूसकर जनप्रतिनिधियों को निशाना बनाने के मंसूबे लेकर हथियारों से लैस होकर आए थे, लेकिन देश के जवान इनके आगे चट्टान बनकर खड़े हो गए। उस वक्त देश में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी और संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था। 13 दिसंबर 2001, सुबह तक सब कुछ सामान्य था। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका था। विपक्षी सांसद ताबूत घोटोले को लेकर कफन चोर...गद्दी छोड़, सेना खून बहाती है...सरकार दलाली खाती है के नारे लगाकर राज्यसभा और लोकसभा में हंगामा काट रहे थे। हंगामे के चलते सदन को 45 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया था। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी संसद से घर की ओर जा चुके थे। हालांकि, उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत अन्य सांसद संसद में ही मौजूद थे। [caption id="attachment_557869" align="alignnone" width="300"] parliament indian parliament attack in 2001 terrorist attack, संसद भवन, संसद भवन आतंकी हमला, संसद आतंकी हमला 2021 parliament indian parliament attack in 2001 terrorist attack, संसद भवन, संसद भवन आतंकी हमला, संसद आतंकी हमला 2021 संसद भवन[/caption] इसी बीच एक सफेद रंग की एंबेसडर कार में मौजूद पांच हथियारबंद आतंकियों ने संसद भवन की इमारत में घुसने की कोशिश की। एक आतंकी संसद भवन के गेट पर ही खुद को बम से उड़ा लेता है। उपराष्ट्रपति के ड्राइवर शेखर संसद में राज्यसभा के गेट नंबर 11 के बाहर उनके आने का इंतजार कर रहे थे। तभी धमाके की आवाज सुनते ही शेखर की नजरें दूसरी ओर मुड़ती हैं। वो कुछ समझ पाते इतनी ही देर में उनकी कार को आतंकवादी टक्कर मारते हैं और नीचे उतरते ही ताबड़तोड़ गोलियां दागना शुरू कर देते हैं। शेखर अपनी जान बचाते हुए कार के पीछे छुप जाते हैं। इसके तुरंत बाद उपराष्ट्रपति के सुरक्षा गार्ड भी मोर्चा संभाल लेते हैं और दोनों ओर से गोलियों की आवाज आना शुरू हो जाती है। [caption id="attachment_557870" align="alignnone" width="300"] parliament indian parliament attack in 2001 terrorist attack, संसद भवन, संसद भवन आतंकी हमला, संसद आतंकी हमला 2021 हमले के दौरान मोर्चा संभाले हुए जवान[/caption] गोलियों की आवाज सुनते ही आणवाडी संसद भवन स्थित अपने दफ्तर से बाहर निकलते हैं, लेकिन सुरक्षाकर्मी उन्हें रोक देते हैं। हमले की जानकारी देते हैं। इतना सुनते ही आडवाणी अपने दफ्तर वापस लौट जाते हैं और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को फोन लगाते हैं। इतनी ही देर में सुरक्षाकर्मी तेजी से संसद भवन के दरवाजों को बंद कर देते हैं, जिस वजह से कोई बड़ा हमला होने से बच गया। जसवंत सिंह की डायरी 'इंडिया एट रिस्क' में वे लिखते हैं कमरा नंबर 27, संसद के गेट नंबर 12 से मुश्मिल से 20 फीट की दूरी पर ही मैं अपने दफ्तर में बैठा फाइलों को देख रहा था। गोलियों की आवाज सुनी तो लगा कि किसी सुरक्षकर्मी की आंख लग गई होगी और ट्रिगर दब गया होगा। तभी धमाके की भी आवाज सुनाई दी। राघवन दौड़ता हुआ आया और बोला, सर ये क्या है? मैनें कहा-जिसका मुझे इतने दिन से डर था, वो शायद हो गया है। अफरातफरी मची थी, दरवाजे बंद कर दिए गए थे और लोग इधर-उधर भाग रहे थे। बाहर से गोलीबारी की आवाज अंदर तक साफ सुनाई दे रही थी आतंकी संसद परिसर में घुसकर नेताओं और मंत्रियों को निशाना बनाना चाहते थे लेकिन सुरक्षाबलों की मुस्तैदी की वजह से वो नाकाम हो गए और वहीं मारे गए। इस दौरान आतंकियों से लड़ते हुए देश के 9 बहादुर जवानों ने भी शहादत दे दी। देश पर हुए इस आतंकी हमले के मंसूबों को नाकाम करने में जेपी यादव, मतबर सिंह, कमलेश कुमारी, नानक चंद, रामपाल, ओमप्रकाश, घनश्याम, बिजेन्दर सिंह, देशराज जैसे वीर लड़ते हुए शहीद हो गए। इस आतंकी हमले में न्यूज एजेंसी एएनआई के कैमरामैन विक्रम सिंह बिष्ट की भी मौत हो गई थी।

Top News view more...

Latest News view more...

PTC NETWORK
PTC NETWORK