सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए हिमाचल पुलिस ने कसी कमर

हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटना आए दिन की बात हो गई है। सड़क दुर्घटना में अक्सर लोग जान गंवाते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अन्य राजमार्गों को अत्याधुनिक इंजीनियरिंग मापदंडों से तैयार किया जा रहा है इसके बावजूद सड़क दुर्घटना थमने का नाम नहीं ले रहा है। लेकिन हिमाचल पुलिस ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कमर कस लिया है।

By  Jainendra Jigyasu March 9th 2023 07:42 PM -- Updated: March 9th 2023 07:43 PM

हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटना आए दिन की बात हो गई है। सड़क दुर्घटना में अक्सर लोग जान गंवाते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अन्य राजमार्गों को अत्याधुनिक इंजीनियरिंग मापदंडों से तैयार किया जा रहा है  इसके बावजूद सड़क दुर्घटना थमने का नाम नहीं ले रहा है। लेकिन हिमाचल पुलिस ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कमर कस ली है। 

 3 वर्षीय यातायात दुर्घटनाओं का विश्लेषण ट्रेफिक टूरिस्ट एवं रेलवे विभाग द्वारा किया गया, जिसमें पाया गया कि इन तीन वर्षों में हिमाचल प्रदेश में 6551 यातायात दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें से 1425 दुर्घटनाएं 10 पुलिस थानों के अंतर्गत हुई हैं, जो कुल दुर्घटनाओं का 21.75 प्रतिशत है। यह थाने हैं सदर ऊना-193, नालागढ़ -173, कुल्लू -154, अंब-141, बद्दी-139, पांवटा साहिब-135, बलह-131, नूरपुर-125, सदर बिलासपुर-125 तथा ठियोग-114 यातायात दुर्घटनाए हुई है।

हिमाचल प्रदेश पुलिस ने राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कमर कस लिया है।  पुलिस महानिदेशक संजय कुंडु द्वारा सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को इस सम्बंध में  निर्देश दिया गया है। सडक़ सुरक्षा दशक 2030 तक सडक़ सुरक्षा व मौतों में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पुलिस मुख्यालय मे उच्च अधिकारियों द्वारा निरंतर यातायात दुर्घटना के आंकड़ों पर मंथन करके इसका विस्तृत विश्लेषण किया जा रहा है। डीजीपी संजय कुंडु द्वारा पत्र के माध्यम से सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि प्रभावी कदम उठा कर एक उपयोगी योजना तैयार करके यातायात दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रयास करें।


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