सुनारियां जेल वापिस जाएगा राम रहीम , 21 दिन की मिली फरलो खत्म, हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार पर उठाए सवाल

दुष्कर्म और हत्या के केस में सजायाफ्ता राम रहीम की 21 दिन की फरलो पूरी हो गई है। उसे पुलिस उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरवाना आश्रम से सुनारिया जेल में आज लेकर आएगी

By  Rahul Rana December 13th 2023 12:44 PM

ब्यूरो : गुरमीत राम रहीम साध्वी दुष्कर्म मामले में वर्ष 2017 से रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। फरलो पर जेल से बाहर आए राम रहीम को 21 नवंबर को डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस की टीम उसे उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बरनावा आश्रम छोड़कर आई थी। जो आज पूरी हो रही है।

दुष्कर्म और हत्या के केस में सजायाफ्ता राम रहीम की 21 दिन की फरलो पूरी हो गई है। उसे पुलिस उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरवाना आश्रम से सुनारिया जेल में 13 दिसंबर को लेकर आएगी। यूपी के बागपत जिले में स्थित बरनावा आश्रम से वापिस आज शाम पांच बजे तक रोहतक सुनारिया जेल लाया जाएगा। फरलो खत्म की सूचना मिलते ही पुलिस ने जेल परिसर के आसपास सतर्कता बढ़ा दी है।




डेरा मुखी को बार बार दी जा रही पैरोल या फरलो पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल

हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा, पहले सरकार यह बताए की उनके पास कितने कैदियों को पैरोल और फरलो की अर्जियां आई हैं और उसमे से कितनों को पैरोल और फारलो दी गई है।  हालांकि सरकार ने कहा की यह हर केस पर ही तय किया जाता है, डेरा मुखी हार्ड कोर क्रिमिनल नहीं है। बावजूद इसके हाईकोर्ट ने अब हरियाणा सरकार से यह जानकारी मांग ली है।  जिस केस में डेरा मुखी को दोषी करार दिया गया है उसी अपराध के अन्य कितने दोषियों को आज तक पैरोल और फरलो दी गई है और कितनी अर्जियां अब तक पेंडिंग हैं, पहले इसकी जानकारी दी जाए।  


आपको बात दें कि डेरा मुखी को बार बार दी जा रही पैरोल के खिलाफ एसजीपीसी और लॉयर्स ऑफ ह्यूमन राइट्स ने दायर की हुई है याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा कि  बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी है डेरा मुखी, बावजूद इसके पैरोल के दौरान दे रहा प्रवचन। अभी भी उसके खिलाफ बेअदबी और डेरे में साधूओं को नपुंसक बनाने के मामले चल रहे हैं। 

यहां जाने फरलो और पैरोल में फर्क

इस बार राम रहीम को पैरोल नहीं बल्कि फरलो मिला था, इसलिए यहां यह भी जानना जरूरी हो जाता है कि पैरोल और फरलो में क्या फर्क होता है। बता दें कि कैदी को पैरोल की सुविधा उसके व्यवहार और सजा काटने के तरीके के आधार पर दी जाती है। इससे वह सामाजिक संबंधों को सुधार सकता है और कुछ महत्वपूर्ण कामों को निपटा सकता है। फरलो के बारे में जानकारी यह है कि वह एक छूट होती है, जिसे जेल में बंद कैदी स्वतंत्रता के रूप में प्राप्त करता है। 






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