राज्य सरकार का शिक्षा बजट : रोजगार और खेल के साथ बेहतर तकनीकी शिक्षा पर रहेगा फोकस

हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरना दी गई अपनी गारंटियों को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई योजनाओं की घोषणा की है। बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 में शिक्षा विभाग के लिए 8,828 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया है।

By  Jainendra Jigyasu March 18th 2023 03:38 PM

हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरना दी गई अपनी गारंटियों को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई योजनाओं की घोषणा की है। बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने  शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए वित्त वर्ष 2023-24 में शिक्षा विभाग के लिए 8,828 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया है। इस बजट के तहत राज्य सरकार खेल में विद्यार्थियों की भागीदारी, तकनीकी शिक्षा का बढ़ावा, और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए काम करेगी। 

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में दसवीं और बारहवीं कक्षा तथा कॉलेजों में पढ़ने वाले दस हजार विद्द्यार्थियों और प्राइमरी स्कूलों के 17,510 शिक्षकों को राज्य सरकार टेबलेट देगी। सरकारी स्कूलों  में मेधावी विद्यार्थियों को मिलने वाला  लैपटॉप अब नहीं मिलेंगे। कांग्रेस सरकार ने मेधावियों को अब लैपटॉप की जगह टेबलेट देने का फैसला लिया है।

 युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सुविधा देने में था ब्लॉक स्तर पर नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की पहुंच तथा आवश्यक पुस्तकों सहित पुस्तकालयों का भी निर्माण कराएगी। सरकार इस मद ने चरणबद्ध योजना के तहत 300 करोड़ रुपये व्यय करेगी। साथ ही शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षको को भरने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।  762 स्कूलों में कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उपलब्ध करवाए जाएंगे। सभी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में पुस्तकालय बनाए जाएंगे। 

खेल के प्रति विद्द्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने  खेल छात्रावासों में रहने वाले खिलाड़ियों की डाइट मनी दोगुनी कर दी है। इन खिलाड़ियों को अब प्रतिदिन 120 रुपये की जगह 240 रुपये मिलेंगे। कॉलेजों में साल में दो बार रोजगार मेलों का होगा आयोजन  किया जाएगा। स्पेशल प्लेसमेंट ड्राइव का भी आयोजन किया जाएगा। स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा के विस्तार का फैसला भी लिया गया है। शिक्षण संस्थानों में पाठ्यक्रम की समीक्षा की जाएगी। रोजगार आधारित नवीनतम कोर्स भी शुरू किए जाएंगे।


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