थोक उपभोक्ताओं के लिए 25 रुपये प्रति लीटर मंहगा हुआ डीजल, पेट्रोल के भी बढ़ सकते हैं दाम
थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल 25 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने इस बात की जानकारी दी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 40 प्रतिशत के उछाल के बाद यह कदम उठाया गया है। हालांकि, पेट्रोल पंपों के जरिये बेचे जाने वाले डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
व्यक्तिगत डीजल खरीदार पर इस बढ़ोतरी का असर नहीं होगा। इस महीने पेट्रोल पंपों की बिक्री में 20 प्रतिशत का उछाल आया है। बस बेड़े के परिचालकों और मॉल जैसे थोक उपभोक्ताओं ने पेट्रोल पंपों से ईंधन खरीदा है। आमतौर पर वे पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे ईंधन की खरीद करते हैं। इससे ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों का नुकसान बढ़ा है।
सबसे अधिक प्रभावित नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसी कंपनियां हुई हैं। बिक्री बढ़ने के बावजूद इन कंपनियों ने अभी तक मात्रा में कमी नहीं की है। लेकिन अब पंपों के लिए परिचालन आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह जाएगा।
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दिल्ली में बल्क यूजर्स के लिए डीजल का दाम 115 रुपये पर पहुंच गया है। वहीं, पेट्रोल पंपों पर डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। मुंबई में बल्क यूजर्स को बेचे जा रहे डीजल का दाम बढ़कर 122.05 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है, जबकि पेट्रोल पंपों पर बिक रहे डीजल का दाम 94.14 रुपये प्रति लीटर पर है।
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डिफेंस, रेलवे एंड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन, पावर प्लांट, सीमेंट प्लांट और केमिकल प्लांट मुख्य बल्क कस्टमर्स में शामिल हैं। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां ज्यादा वॉल्यूम में तेल की खपत वाले ग्राहकों की जरूरतों को अलग से Cater करती हैं। कंपनियां इन कस्टमर्स के लिए ऑयल के स्टोरेज और हैंडलिंग के लिए खास तौर पर व्यवस्था करती हैं।