आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित, ये रहा कारण...
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) सांसद राघव चड्ढा पर आज राज्यसभा में कथित "विशेषाधिकार हनन" के आरोप में निलंबन लगाया गया. ये निलंबन चार सांसदों द्वारा दायर की गई शिकायतों के बाद हुआ है, जिन्होंने दावा किया था कि चड्ढा ने उनकी सहमति के बिना हाउस पैनल में उनका नाम शामिल किया, जिससे स्थापित नियमों का उल्लंघन हुआ.
उच्च सदन ने सदन के नेता पीयूष गोयल द्वारा प्रस्तुत एक प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए राघव चड्ढा को तब तक निलंबित करने के लिए कहा गया जब तक कि विशेषाधिकार समिति विशेषाधिकार उल्लंघन के कथित मामलों में अपनी जांच पूरी नहीं कर लेती. गोयल ने आप नेता के "अनैतिक आचरण" की आलोचना की और इसे "नियमों की घोर अवहेलना" बताया.
'राघव चड्ढा ने सहमति के बिना उनका नाम शामिल किया'
बुधवार को राज्यसभा के एक बुलेटिन के अनुसार, सभापति को सांसद सस्मित पात्रा, एस फांगनोन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन से शिकायतें मिलीं. इन सांसदों ने आरोप लगाया कि राघव चड्ढा ने सहमति के बिना उनका नाम शामिल करके उनके विशेषाधिकारों का उल्लंघन किया, इस प्रकार प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों का उल्लंघन किया. चड्ढा ने 7 अगस्त को 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023' पर विचार-विमर्श के लिए एक चयन समिति के गठन का प्रस्ताव पेश किया था और चार सांसदों के नाम सूचीबद्ध किए थे.
वहीं आप के एक अन्य सांसद संजय सिंह के खिलाफ शिकायतों पर विशेषाधिकार समिति का फैसला आने तक उनके निलंबन की अवधि भी बढ़ा दी गई.
राघव चड्ढा ने आरोपों को किया खारिज
वहीं राघव चड्ढा ने आरोपों को खारिज कर दिया और सुझाव दिया कि सत्तारूढ़ दल ने अपने वरिष्ठ नेतृत्व को चुनौती देने वाले 34 वर्षीय सांसद को स्वीकार करने में असमर्थता के कारण उन्हें अकेला कर दिया था.
- PTC NEWS