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परीक्षा क्लर्क के पद की या परीक्षार्थियों की जान की ?

Written by  Arvind Kumar -- September 23rd 2019 04:32 PM
परीक्षा क्लर्क के पद की या परीक्षार्थियों की जान की ?

परीक्षा क्लर्क के पद की या परीक्षार्थियों की जान की ?

चंडीगढ़। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की क्लर्क भर्ती की परीक्षा बेरोजगार युवाओं के लिए परेशानी का सबब बनी रही। परीक्षार्थियों को एग्जाम देने के लिए 200 से 300 किलोमीटर दूर जाना पड़ा, लेकिन परीक्षार्थियों के आवागमन के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था प्रशासन या फिर कर्मचारी चयन आयोग ने नहीं की थी। नतीजतन परीक्षार्थियों को आने-जाने में खासी परेशानी हुई। बस स्टैंड हो या फिर रेलवे स्टेशन हर जगह परीक्षार्थियों की भीड़ देखी गई। परीक्षार्थियों के लिए अलग से बसों की व्यवस्था ना होने से बसें खचाखच भरी हुईं थी और कई जगह तो परीक्षार्थी बसों की छतों पर सफर करते देखे गए। ट्रेनों में भी परीक्षार्थी लटकते हुए परीक्षा केंद्रों तक पहुंचे। [caption id="attachment_342801" align="aligncenter" width="700"]HSSC Exam HSSC : परीक्षा क्लर्क के पद की या परीक्षार्थियों की जान की ? (File Photo)[/caption] इसके इतर परीक्षा केंद्र पर कर्मचारी चयन आयोग ने पुख्ता तैयारी कर रखी थी। एग्जाम से पहले उम्मीदवार के चेहरे की पहचान (फेशियल रिक्गनीशिन) की गई, ताकि जिसका एडमिट कार्ड है, वही इस परीक्षा में बैठ सके। इसके साथ ही उम्मीदवार को अपने साथ परीक्षा केन्द्र में दो पासपोर्ट साइज की फोटो लाने के लिए कहा गया था। इसके अलावा, उम्मीदवारों की फिंगर बायोमिट्रिक व एडमिट कार्ड का क्यूआर कोड भी परीक्षा से पहले स्कैन हुआ। [caption id="attachment_342800" align="alignleft" width="300"]Clerk Exam 2 HSSC : परीक्षा क्लर्क के पद की या परीक्षार्थियों की जान की ?[/caption] परीक्षार्थियों के लिए यातायात की व्यवस्था सही ना होने उन्हें खासी परेशानी हुई। ऐसे में आयोग को चाहिए की इतने बड़े स्तर पर एग्जाम आयोजित करवाने से पहले परीक्षार्थियों के आवागमन को लेकर भी संबंधित विभागों को निर्देश जारी करे। ताकि अभ्यर्थियों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो। यह भी पढ़ें : बच्चों को पढ़ाने के लिए ये टीचर पैरों से लिखते हैं बोर्ड पर, बचपन से नहीं है दोनों बाजुएं hssc HSSC : परीक्षा क्लर्क के पद की या परीक्षार्थियों की जान की ?बता दें कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने क्लर्क के करीब 5 हजार पदों के लिए परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा के लिए तकरीबन 15 लाख लोगों ने आवेदन किया था। परीक्षा 21 से 23 सितंबर तक तीन अलग-अलग तिथियों को आयोजित करवाई गई, लेकिन परीक्षा केंद्र इतने दूर थे कि बेरोजगारों को जान जोखिम में डालकर बसों की छत पर सवार होकर एग्जाम देने पहुंचना पड़ा। इस परीक्षा में भाग लेने जा रहे कई युवाओं को अपनी जान भी गवानी पड़ी! ऐसे में परीक्षा क्लर्क के पद की या परीक्षार्थियों की जान थी ? इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। यह पढ़ें : रोजगार देने में विफल सरकार अब बेरोजगारों को दर-दर की ठोकरें खिला रही : दुष्यंत ---PTC NEWS---


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