फिल्मों में गायन हीं नहीं अभिनय भी कर चुकी हैं लता मंगेशकर, सिर्फ एक दिन गई स्कूल...जानिए उनके करियर और अफेयर के बारे में सब कुछ
सुरों की मलिका 'लता मंगेशकर' का आज निधन हो गया। लता जी के निधन से पूरा भारत दुखी है। लता मंगेशकर भारत ही नहीं देश विदेश में भी जाना माना नाम है। यहां तक पहुंचने के लिए उनके संघर्ष की शुरूआत बचपन से ही हो गई थी। कई कठिनाईंयों को पार करने के बाद ही वो दुनियाभर में अपनी पहचान बना पाईं।
जानिए लता मंगेशकर से जुड़े किस्से
जन्म के समय उनका नाम हेमा था। बाद में उनके पिता दीनानाथ ने 'भावबंधन' नाटक में एक फीमेल कैरेक्टर से प्रभावित होकर उनका नाम 'लता मंगेशकर' रख दिया था। लता दीदी को संगीत और नाटकों की कला उन्हें विरासत में मिली थी। वो महज पांच साल की होंगी, जब उन्होंने अपने पिता दीनानाथ के साथ म्यूजिकल प्ले में अभिनय करना शुरू कर दिया। इसके अलावा उन्होंने अपने नानी से लोक गीत भी सीखें।
आपको जानकर हैरानी होगी की लता पढ़ने के लिये सिर्फ एक दिन स्कूल गईं। कहा जाता है कि लता मंगेशकर स्कूल में बच्चों को गाना सिखाना चाहती थीं। पर स्कूल टीचर को उनकी ये बात पसंद नहीं आई। उन्हें वो नहीं करने दिया गया, जो वो करना चाहती थीं। बस इसलिये लता जी ने स्कूल जाना बंद कर दिया।
लता मंगेशकर बचपन से गायिका बनना चाहती थीं। उन्होंने पहली बार वसंग जोगलेकर द्वारा निर्देशित फिल्म कीर्ती हसाल के गाने में अपनी आवाज दी। लेकिन उनके पिता नहीं चाहते थे कि लता फिल्मों के लिए गाएं इसीलिए इस फिल्म से लता मंगेशकर के गाने को निकाल दिया गया था। जब लता जी के पिता की मृत्यु हुई तब लता जी को पैसों की किल्लत झेलनी पड़ी थी। जिसके बाद उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा।
इसी बीच उन्हें हिंदी और मराठी फिल्मों में काम करने का मौका मिला। बताया जाता है कि उन्हें अभिनय करना ज्यादा पसंद नहीं था लेकिन पैसों की जरूरत की वजह से उन्होंने बतौर अभिनेत्री कुछ फिल्मों में काम किया। लता मंगेशकर की पहली फिल्म पाहिली मंगलागौर थी जो वर्ष 1942 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में लता जी स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन के रोल में नजर आई।
लता मंगेशकर की जिंदगी में कई ऐसे मौके आये जब उनकी आवाज को रिजेक्ट किया गया। 1949 में महान गायिका ने महल फिल्म के गीत 'आएगा अनेवाला को अपनी आवाज दी। इस गाने को उन्होंने इतनी खूबसूरती से गाया कि सुनने वाला हर इंसान उनकी आवाज में मंत्रमुग्ध हो गया।
इसके बाद लता दीदी को माझे बाल, चिमुकला संसार, गजभाऊ, बड़ी मां, छत्रपति शिवाजी और मांद जैसी फिल्मों में देखा गया। आपको बता दें 'बड़ी मां' फिल्म में लता जी को नूरजहां के साथ अभिनय करने का मौका मिला था। लता दीदी के साथ उनकी छोटी बहन आशा भोसले ने भी इस फिल्म में काम किया था। लता जी ने खुद की भूमिका के लिए भी गाने गाए और अपनी बहन आशा जी के लिए पार्श्वगायन भी किया।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में 1974 से 1991 तक लता मंगेशकर का नाम दुनिया की सबसे ज्यादा गाने गाने वालीं सिंगर के तौर पर दर्ज है। कहा जाता है कि उन्होंने 1948 से 1974 तक करीब 25,000 एकल, युगल और कोरस के साथ गाने गाए थे। ये गाने 20 अलग-अलग भाषाओं में गाए गए थे। 1991 में यह कैटिगरी हटा दी गई थी, लेकिन 2011 में वापस इंट्रोड्यूज की गई थी। हालांकि, 2011 में ही गिनीज ने आधिकारिक तौर से सूचित किया था कि लता की बहन आशा भोसले संगीत के इतिहास में सबसे ज्यादा गाने गाने वालीं आर्टिस्ट हैं।
लता की कामयाबी ने उन्हें इंडस्ट्री की सबसे पावरफुल महिला बना दिया था। बाद में उन्होंने कुछ गलतफहमी के चलते महान संगीतकार रहे एसडी बर्मन के साथ भी गाने से इनकार कर दिया था। लता मंगेश्कर का शादीशुदा सिंगर भूपेन हजारिका के साथ अफेयर होने की चर्चा भी जोरों पर रही है। हजारिका की मौत की पहली बरसी पर उनकी पत्नी प्रियम ने यह बयान दिया था कि उनके पति और लता मंगेशकर के बीच प्रेम संबंध थे। प्रियम फिलहाल कनाडा में रह रही हैं।
सात दशकों से अधिक के करियर में, उन्होंने कई भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए हैं। उन्हें भारत रत्न, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहब फाल्के पुरस्कार और कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। जरा याद करो कुर्बानी आज भी उनका सुपरहिट गाना है। उनकी आवाज में गाए इस गाने को सुनकर आज भी हर कोई देशभक्ति के जज्बे से भर जाता है।
लता मंगेशकर का म्यूजिक इंडस्ट्री में योगदान अतुलनीय था। जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। लता मंगेशकर चाहे ये दुनिया छोड़कर चली गई हैं। लेकिन अपने सदाबहार गानों की विरासत फैंस के लिए छोड़ गई हैं। लता दीदी के इन गानों ने उन्हें इस दुनिया में अमर कर दिया है।