जस्टिस यूयू ललित बने भारत के चीफ जस्टिस, वकील से सीधे बने थे सुप्रीम कोर्ट के जज
न्यायमूर्ति यूयू ललित ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ ली। आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। यूयू ललित देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। यूयू ललित ने जस्टिस एनवी रमना की जगह ली है।
जस्टिस एनवी रमना 26 अगस्त को भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान में यूयू ललित सुप्रीम कोर्ट में दूसरे सबसे सीनियर जज हैं। सीजेआई यूयू ललित महज 74 दिनों के लिए ही भारत के मुख्य न्यायाधीश रहेंगे। 8 नवंबर को वो पद से रिटायर हो जाएंगे।
भारत के नए सीजेआई यूयू ललित 9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में पैदा हुए थे। जून 1983 में महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल में वकील के रूप में पंजीकृत हुए थे। 1986 तक उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में वकातल की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में प्रैक्टिस शुरू की। अप्रैल 2004 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से सीनियर एडवोकेट के रूप में नॉमिनेट किया गया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सभी 2जी मामलों में सुनवाई करने के लिए उन्हें CBI के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया गया था। जस्टिस ललित दो कार्यकालों के लिए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया लीगल सर्विसेज कमेटी के सदस्य भी थे।
सुप्रीम कोर्ट का जज बनने से पहले उन्होंने किसी भी हाईकोर्ट में बतौर जज सेवाएं नहीं दी थी। वह वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज बने और अब भारत के मुख्य न्यायाधीश। यूयू ललित तीन तलाक को लेकर फैसला सुना चुके हैं। आयोध्या केस की सुनवाई से उन्होंने खुद को अलग कर लिया था।