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रेवाड़ी। लॉकडाउन के दौरान पिछले 56 दिनों से बेरोजगार पड़े प्रवासियों ने मकान मालिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रवासियों के मुताबिक उन पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब किराया व बिजली बिल न देने पर मकान मालिक ने न केवल बिजली कनेक्शन काट दिया, अपितु शौचालय पर तालाबंदी कर उन्हें मकान से निकल जाने की धमकी दी। इतना ही नहीं प्रवासियों का आरोप है कि पांच माह के मासूम बच्चे के लिए रखे चंद रुपयों को भी उनसे छीन लिया। बेबस प्रवासी मकान मालकिन की डांट फटकार सुनते रहे और लॉकडाउन खत्म होने तक का समय देने की गुहार करते रहे। लेकिन उसने प्रवासियों की एक भी नहीं सुनी।
प्रवासियों ने कैलाश चंद से किया संपर्क
मदद के सभी रास्ते बंद होता देख प्रवासियों ने समाजसेवी एडवोकेट कैलाश चंद से संपर्क किया और आपबीती बताई। जिसके बाद कैलाश चंद की मदद से मॉडल टाउन थाना पुलिस को शिकायत की गई। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों की समस्याएं सुनी। कैलाश चंद ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान किरायेदारों को इस तरह परेशान करना उचित नहीं है।
आखिरकार मिला न्याय
एडवोकेट कैलाश चंद और पुलिस की मदद से प्रवासियों को न्याय मिला। कैलाश चंद का कहना है कि प्रवासियों के बिजली कनेक्शन फिर से जुड़वा दिये गए हैं और मकान मालकिन से लिखित में पत्र लिखवाया है कि जब तक लॉकडाउन चलेगा वह किराया नहीं मांगेगी और न ही परेशान करेगी। वहीं प्रवासियों से भी लिखवाया गया है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद उन्हें किराया व बिजली बिल अदा करना होगा। समझौते के बाद शौचालय के ताले भी खुलवा दिये गए।
---PTC NEWS----
30 झुग्गियों के प्रवासी परेशान
शहर के गढ़ी बोलनी रोड स्थित गांव ढालियावास में एक बैंक कर्मचारी ने अपने प्लाटों में 30 से अधिक झुग्गियां बनाई हुई हैं और इनमें 30 लोग अपने परिवार के साथ रहते थे। लेकिन लॉकडाउन के चलते अनेक प्रवासी यहां से पलायन कर गए और जो हाल में रह रहे हैं, वे मकान मालिक की पत्नी की डांट फटकार से दुखी है। उन्हें किराया व बिजली बिल देने को लेकर परेशान किया जा रहा है। जबकि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कोई भी मकान मालिक किरायेदार को किराये के लिए परेशान नहीं कर सकता और न ही मकान से निकाल सकता है।