चंबा: हिमाचल में भारी बारिश का कहर, मलबे में दबने से परिवार के तीन लोगों की मौत
चंबा: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। भारी बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। भू स्खलन के चलते जान माल का काफी नुकसान हुआ है। इसके साथ ही नदी नाले भी उफान पर हैं।
चंबा जिले में शुक्रवार रात हुए भूस्खलन में तीन लोगों की मौत हो गई। चंबा के भटियात उपमंडल के चुडाना गांव में बारिश के कारण बहकर आया मलबा सीधे मकान में आ घुसा। मलबे में दबने से पति-पत्नी व एक बच्चे की मौत हो गई है। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबे शवों को बाहर निकाला।
जानकारी के मुताबिक चुडाना गांव के धर्मलाल अपनी पत्नी व 15 वर्षीय बेटे संग स्लेटपोश मकान में सोए थे कि शुक्रवार देर रात बारिश के साथ बहकर आया मलबा मकान की दीवार को तोड़ता हुआ अंदर आ घुसा। इससे तीनों मलबे में दब गए। मकान की दीवार ढहने की आवाज सुनकर साथ के मकान में सोए लोग नींद से जाग गए। इसके बाद ग्रामीणों ने तुरंत राहत व बचाव कार्य आरंभ किया, लेकिन तब तक मलबे में दबे तीनों की मौत हो चुकी थी। एसडीएम जगन ठाकुर ने घटना की पुष्टि की है।
वहीं, अधिकारियों के मुताबिक मंडी जिला के क्षेत्रों में अचानक सुबह भारी बाढ़ आ गई। बल्ह, सदर, थुनाग, मंडी, धर्मपुर और लंबाथाच समेत कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया। वहीं, मंडी के गोहर में प्रधान का घर चपेट में आ गया। मकान में सोए हुए कुल 7 सदस्य मलबे में दब गए। अब तक 3 शवों को बरामद कर लिया गया है। भारी बारिश के बादज जिले में स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
इसके साथ कांगड़ा में बारिश के कारण नूरपुर के पास चक्की खड्ड में पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेल लाइन पर बना रेलवे पुल पानी के तेज बहाव में बह गया। पुल के बहने से पठानकोट-जोगिंद्रनगर के बीच नैरो गेज ट्रेन सेवा बंद हो जाएगी। इस पुल का निर्माण पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेल पर 1928 में अंग्रेजों ने किया था।