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फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा आज नंगे पांव विधानसभा पहुंचे और साथ ही उन्होंने सिले हुए कपड़े भी त्याग दिए हैं। नीरज शर्मा ने फरीदाबाद नगर निगम में हुए घोटालों के विरोध में यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि जब तक घोटालों की जांच नहीं होगी और दोषियों को सजा नहीं मिलेगी तब तक ना तो सिले हुए कपड़े पहनूंगा और ना ही पांव में जूते पहनूंगा।
इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि जिन अफसरों के भ्रष्टाचार में नाम लिए हैं यदि वह निर्दोष पाए गए तो मैं अपना विधायक पद छोड़ दूंगा। दरअसल सदन में विधायक नीरज शर्मा ने फरीदाबाद नगर निगम में घोटाले का मामला उठाया। विधायक ने कहा कि 26-4-2019 को विजिलेंस ने नगर निगम को चिट्ठी लिखी कि 100 करोड़ का घोटाला हुआ है। विजिलेंस को जांच के लिए कागज नहीं दिए गए।
फाइल फोटो
इसके बाद नीरज शर्मा धोती औ कपड़ा ओढ़कर सदन में पहुंच गए। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उन्हें ऐसे नमूने पेश करने की उम्मीद थी। सीएम की इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में शोर मचाना शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष ने भी इस पर विरोध जताया। स्पीकर ने साफ किया कि सीएम ने विधायक को नमूना नहीं कहा, सिर्फ उनके इस तरह कपड़े पहनने को नमूना बताया है। सीएम ने भी यही बात स्वीकार की।
सीएम ने इससे आगे कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दों पर उनकी सरकार जड़ों तक जाएगी। अभी तक जो मामले पकड़े गए हैं, वे उनकी सरकार में ही पकड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी का लाइसेंस पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने दिया था। इस पर हुड्डा बोले कि यदि मेरी कोई कमी है तो उन्हें गिरफ्तार करवा दो। इसके बाद सीएम ने घोषणा की कि गुरुग्राम की चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी में 10 फरवरी को हुए हादसे की जांच सीबीआइ करेगी।
फाइल फोटो।
सदन में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने बताया कि फरीदाबाद नगर निगम में बिना काम किए 180 करोड़ के भुगतान घोटाले की जांच हुई पूरी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पांच फरवरी 2021 को इस घोटाले की जांच स्टेट विजिलेंस को सौंपी थी।
विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन सरकार की तरफ से शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विजिलेंस ब्यूरो ने फरीदाबाद नगर निगम के दो मुख्य अभियंताओं, संयुक्त आयुक्त (आडिट), लेखाधिकारी, ठेकेदार सहित दस के खिलाफ भ्रष्टाचार, गबन, कागजों में हेराफेरी और धोखाधड़ी के आरोप में एफआइआर दर्ज कराने की संस्तुति की।-