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लालकिले की प्राचीर से बोले पीएम मोदी- छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है

Written by  Arvind Kumar -- August 15th 2021 08:55 AM
लालकिले की प्राचीर से बोले पीएम मोदी- छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है

लालकिले की प्राचीर से बोले पीएम मोदी- छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू जी हों, देश को एकजुट राष्ट्र में बदलने वाले सरदार पटेल हों या भारत को भविष्य का रास्ता दिखाने वाले बाबासाहेब अम्बेडकर, देश ऐसे हर व्यक्तित्व को याद कर रहा है, देश इन सबका ऋणी है। उन्होंने कहा कि हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। कल ही देश ने भावुक निर्णय लिया है। अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे, नए भारत के सृजन का ये अमृत काल है। इस अमृत काल में हमारे संकल्पों की सिद्धि हमें आज़ादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी, गौरवपूर्ण रूप से ले जाएगी। यह भी पढ़ें- निजी आवास पर अवैध रूप से गर्भपात करवाती धरी गई स्वास्थ्य विभाग की नर्स यह भी पढ़ें- स्वतंत्रता दिवस पर हरियाणा पुलिस के 14 अधिकारी व जवान पुलिस पदक से अलंकृत अमृतकाल का लक्ष्य है भारत और भारत के नागरिकों के लिए समृद्धि के नए शिखरों का आरोहण। एक ऐसे भारत का निर्माण जहां सुविधाओं का स्तर गांव और शहर को बांटने वाला न हो। एक ऐसे भारत का निर्माण जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे। उन्होंने कहा कि जब सरकार ये लक्ष्य बनाकर चलती है कि हमें समाज की आखिरी पंक्ति में जो व्यक्ति खड़ा है उस तक पहुंचना है तो न कोई भेदभाव हो पाता है न ही भ्रष्टाचार की गुंजाइश रहती है। देश के हर गरीब व्यक्ति तक पोषण पहुंचाना भी सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी। हमें कृषि क्षेत्र की एक बड़ी चुनौती की ओर भी ध्यान देना है। ये चुनौती है गांव के लोगों के पास कम होती जमीन। किसानों की जमीन छोटी होती जा रही है। देश के 80% से भी अधिक किसान ऐसे हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है।


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