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ISRO के नए अध्यक्ष बने एस सोमनाथ, रॉकेट इंजीनियरिंग के एक्सपर्ट...जानिए इनके बारे में दिलचस्प बातें

Written by  Vinod Kumar -- January 14th 2022 06:06 PM
ISRO के नए अध्यक्ष बने एस सोमनाथ, रॉकेट इंजीनियरिंग के एक्सपर्ट...जानिए इनके बारे में दिलचस्प बातें

ISRO के नए अध्यक्ष बने एस सोमनाथ, रॉकेट इंजीनियरिंग के एक्सपर्ट...जानिए इनके बारे में दिलचस्प बातें

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को अपना नया चीफ मिल गया है। एस सोमनाथ (S Somanath) ने शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष (ISRO Chief) के रूप में पदभार ग्रहण किया है। सोमनाथ ने के सिवन (K Sivan) के रिटायर होने पर अंतरिक्ष विभाग (Department of Space) के सचिव और अंतरिक्ष आयोग (Space Commission) के अध्यक्ष के रूप में पद संभाला है। के सिवन पिछले साल जनवरी से एक साल के एक्सटेंशन पर थे। ISRO चीफ के रूप में सोमनाथ की नियुक्ति तीन साल के लिए हुई है। वह स्पेस लॉन्च व्हीकल के सिस्टम इंजीनियरिंग में एक अनुभवी वैज्ञानिक हैं। उनकी गिनती देश के वरिष्ठ वैज्ञानिकों में होती है। [caption id="attachment_375118" align="alignnone" width="300"]2020 will be year of Chandrayaan-3 ,over 25 missions planned: ISRO chief 2020 ਵਿੱਚ ISRO ਦਾ ਨਵਾਂ ਮਿਸ਼ਨ , ਚੰਦਰਯਾਨ-3 ਨੂੰ ਮਿਲੀ ਹਰੀ ਝੰਡੀ ,ਇਸਰੋ ਮੁਖੀ ਨੇ ਦਿੱਤੀ ਜਾਣਕਾਰੀ[/caption] सोमनाथ लॉन्च व्हीकल डिजाइन सहित कई विषयों के विशेषज्ञ हैं और उन्होंने लॉन्च व्हीकल सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, स्ट्रक्चरल डायनेमिक्स, इंटीग्रेशन डिजाइन और प्रक्रियाओं, मैकेनिज्‍म डिजाइन और पायरोटेक्निक में विशेषज्ञता हासिल की है। ISRO launch   फिलहाल डॉ. सोमनाथ केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक हैं। वह अपने करियर के शुरुआती दौर में पोलर सेटेलाइट लॉन्‍च व्‍हीकल (पीएसएलवी) के एकीकरण के लिए टीम लीडर थे। इसरो चीफ बनने से पहले वो GSAT-MK11 (F09) को अपग्रेड करने में लगे थे, ताकि भारी संचार सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च किया जा सके। उसके अलावा एस.सोमनाथ GSAT-6A और PSLV-C41 को भी बेहतर बनाने में लगे थे, ताकि रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट्स को सही तरीके से लॉन्च किया जा सके।


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