सोनीपत के सुधीर लाठ ने कॉमनवेल्थ गेम्स में गाड़ दिया 'लट्ठ', पैरा लिफ्टिंग में जीता गोल्ड
राष्ट्रमंडल खेलों में पैरा पावरलिफ्टर सुधीर लाठ ने देशवासियों को खुशी से झूमने का मौका दिया है। लगातार सात बार के नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट सुधीर ने राष्ट्रमंडल खेलों में देश के लिए पैरा पावर लिफ्टिंग में सोना जीता है। उनकी उपलब्धि पर परिजनों व ग्रामीणों के साथ सभी खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है।
सोनीपत के गांव लाठ में किसान परिवार में जन्मे सुधीर लाठ महज पांच साल की उम्र में पैर में परेशानी के चलते दिव्यांग हो गए। उसके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। सुधीर लाठ चार भाईयों में एक हैं। उनके पिता सीआईएसएफ जवान राजबीर सिंह का चार पहले निधन हो गया था। अब चार भाईयों के साथ परिवार में मां व चाचा है।
सुधीर ने हमेशा देशी खानपान को तरजीह दी है। वह रोजाना पांच किलो दूध के साथ ही चने व बादाम खाते हैं। वर्ष 2013 में शरीर को फिट रखने के लिए उन्होंने पावर लिफ्टिंग शुरू की थी। उसके बाद बेहतर अभ्यास के चलते इसे जीवन का हिस्सा बना लिया। पैरा खिलाड़ी वीरेंद्र धनखड़ से प्रेरित होकर पैरा पावर लिफ्टिंग शुरू की थी। महज दो वर्ष की मेहनत से ही वह नेशनल तक पहुंचे और नेशनल में सोना जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया।
नेशनल में सोना जीतने का उनका सफर लगातार सात साल से जारी है। इसके साथ ही वह वर्ष 2021 और 2022 में स्ट्रॉन्ग मैन ऑफ इंडिया का खिताब जीतकर देशवासियों को रोमांचित कर चुके हैं। इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों में सुधीर ने हैवीवेट वर्ग में देश के लिए सोना जीता है।
सुधीर ने अभी तक लगातार सात साल से राष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीते हैं। वहीं दो बार स्ट्रॉन्ग मैन ऑफ इंडिया का खिताब जीता है। वर्ष 2019 में पैरा एशियन गेम्स में कांस्य पदक हासिल किया और वर्ष 2021 में दक्षिण कोरिया में एशिया-ओसियाना ओपन पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
वहीं, गोल्ड मेडल जीतने के बाद सुधीर के परिवार का खुशी का ठिकाना नहीं रहा है। सुधीर के भाई का कहना है कि उसे हलवा और खीर बहुत ज्यादा पसंद है और उसे जब वापस आएगा तो हलवा खीर बनाकर का स्वागत किया जाएगा।