स्वच्छ भारत मिशन की दुर्दशा देखनी हो तो कीजिए अम्बाला कैंट की मार्केट परिसर का रुख, सार्वजनिक शौचालयों की हालत बद से बदतर !
शहर को खुले में शौच मुक्त अभियान के अंतर्गत नगर परिषद और प्रशासन ने कई सार्वजनिक शौचालय बनाए लेकिन इनका रखरखाव पूरी तरह से विफल नजर आ रहा है
अम्बाला: स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार
करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन शहर को स्वच्छ बनाने और सार्वजनिक शौचालयों की
स्थिति सुधारने की दिशा में जमीनी स्तर पर कोई ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं। बात अम्बाला
कैंट की करें तो यहां सार्वजनिक शौचालयों की हालत इतनी खराब है कि कई शौचालयों में
ताले तो कई के गेट टूटे पड़े हैं, वही कई सार्वजनिक शौचालय बिल्कुल खस्ता हालत में
नजर आ रहे हैं, जिससे दुकानदार खासे नाराज़ हैं.

गौरतलब
है कि शहर को खुले में शौच मुक्त अभियान के अंतर्गत नगर परिषद और प्रशासन ने कई
सार्वजनिक शौचालय बनाए लेकिन इनका रखरखाव पूरी तरह से विफल नजर आ रहा है। कैंट में बने सार्वजनिक
शौचालयों का जब मीडिया ने दौरा किया तो पाया कि गवर्मेंट कालेज के पास बना शौचालय
और सदर बाजार के शौचालय में ताला लटका हुआ है, जबकि दूसरी तरफ बीआई मेस रोड राय
मार्किट में शौचालय गंदगी से भरा हुआ है । ऐसी हालत की वजह से स्थानीय निवासियों
को भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है।

शौचालय
की दुर्दशा से तंग आकर स्थानीय दुकानदारों ने नगर परिषद में शिकायत भी दर्ज कराई।
लेकिन वहां पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। उसके बाद सीएम विंडो में भी कई बार शिकायत
दी वहां से भी कुछ हल नहीं निकला. इस बारे
में जानकारी देते हुए बीआई मेस रोड राय मार्किट के दुकानदारों ने बताया कि उनकी
दुकान के सामने सरकारी शौचालय बना हुआ है, जिसकी कोई सूझ बूझ लेने वाला भी नहीं
है. सीएम विंडो पर कितनी बार शिकायत दे चुके हैं कोई सुनवाई नहीं है। दुकानदारों
ने अब तय किया है कि सब इकट्ठे होकर अनिल विज के जनता दरबार में जाएंगे और अपनी
शिकायत सौंपेंगे।

हालांकि
इस बारे में जब नगर परिषद अंबाला सदर के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर विनोद बेनिवाल से
बात की गई तो उन्होंने बताया कि चौकों पर बने शौचालय यूरिनल है। उनकी सफाई हम अपने
स्तर पर करवाते हैं। हमारे पास ज्यादा कर्मचारी न होने की वजह से दिक्कत आ जाती
है। लेकिन इन सभी शौचालयों की सफाई के लिए टेंडर आमंत्रित किए जा रहे हैं। जैसे ही
टेंडर आएंगे तो उन्हें कंपनियों को अलॉट कर दिए जाएंगे।