Rahul Dravid birthday : इंदिरानगर के गुंडे राहुल द्रविड़ ने गुस्से में फेंकी कुर्सी...पत्रकार को कहा इसे बाहर निकालो
Rahul Dravid birthday : टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ का आज जन्मदिन है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी 1973 को इंदौर में हुआ था। राहुल द्रविड वर्तमान में टीम इंडिया के हेड कोच हैं। इससे पहले उन्होंने इंडिया-ए और अंडर-19 टीमों को भी प्रशिक्षण दिया है। उनके कोच रहते हुए भारतीय अंडर 19 टीम विश्व कप भी जीत चुकी है।
टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ का आज जन्मदिन है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी 1973 को इंदौर में हुआ था। 'द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया' के नाम से मशहूर द्रविड़ ने अपने लंबे करियर में 164 और 344 वनडे मैच खेले हैं। क्रिकेट से रिटायर होने के बाद राहुल द्रविड़ कभी क्रिकेट से दूर नहीं हुए।
राहुल द्रविड वर्तमान में टीम इंडिया के हेड कोच हैं। इससे पहले उन्होंने इंडिया-ए और अंडर-19 टीमों को भी प्रशिक्षण दिया है। उनके कोच रहते हुए भारतीय अंडर 19 टीम विश्व कप भी जीत चुकी है। द्रविड़ अक्सर फील्ड पर सबको शांत ही नजर आते हैं। टीम की स्थिति चाहे जैसी भी हो उन्हें हमेशा सीट पर चुपचाप बैठे देखा गया है, लेकिन कई मौके पर उन्हें गुस्सा करते हुए भी देखा गया है।
बात 2004 की है। टीम इंडिया पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी पत्रकार ने द्रविड़ के सामने मैच फिक्सिंग को लेकर सवाल पूछ लिया। बस फिर क्या था 'इंदिरानगर के शांत गुंडे' द्रविड़ एकदम हाई हो गए। उन्होंने कहा कि इन्हें यहां से बाहर निकलो। इस तरह की बातें खेल के लिए अच्छी नहीं हैं। इस तरह की बातें खेल को खराब कर रही हैं।
दूसरी बार द ग्रेट बॉल ऑफ इंडिया गुस्से से फट्ट गई थी। हुआ यूं कि 2006 में क्रिकेट के जन्मदाता यानी अंग्रेजों माने तो इंग्लैंड की टीम भारत की जमीं पर खेल रही थी। द्रविड़ ही टीम की कप्तानी कर रहे थे। इस दौरान इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट में भारतीय टीम को हार मिली थी। इस जीत के साथ इंग्लैंड ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर कर ली थी। हार से राहुल द्रविड़ इतना गुस्सा हुए की उन्होंने ड्रेसिंग रूम में कुर्सी ही उठाकर फेंक दी थी।
राहुल द्रविड़ के नाम से चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर एक दीवार बनी है, जिस पर तीन शब्द कमिटमेंट, क्लास और कंसिसटेंसी लिखे हैं। क्रिकेटर बनने से पहले राहुल द्रविड़ हॉकी खेलते थे। जूनियर लेवल पर वो कर्नाटक का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। टीम इंडिया में सिलेक्शन के समय वो एमबीए की पढ़ाई कर रहे थे। उनके पिता बच्चों की जैम बनाने वाली फैक्ट्री चलाते थे। इसी कारण उन्हें उनके दोस्त जैमी कहकर बुलाते थे। 2003 में उन्होंने पेशे से सर्जन नागपुर की विजेता पेंडरकर से शादी की थी। समित और अन्वय उनके दो बेटे हैं। उनका बड़ा बेटा भी क्रिकेट में भविष्य बनाने में जुटा हुआ है।
खबर में राहुल द्रविड़ को इंदिरापुर का गुंडा करके संबोधित किया गया है। आपके मन में कोई बहम ना आए इसके लिए बता दें कि वो गुंडे-बुंडे नहीं हैं। दरअसल एक ऐड प्रमोशन के दौरान वो गाड़ी पर खड़े होकर चिलाते हैं मैं हूं इंदिरापुर का गुंडा। बैसे भी उन्हें 'द वॉल' एक प्रोडेक्ट के विज्ञापन के दौरान ही मिला था, लेकिन क्रिकेट में उनके प्रदर्शन को देखते हुए ये नाम उनके साथ हमेशा के लिए जुड़ गया।