Winter Session of Parliament: लोकसभा के 49 और विपक्षी सांसद निलंबित, संख्या पहुंची 141
संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को लोकसभा के 49 और विपक्षी सांसद निलंबित किया है। बता दें संसद के शीतकालीन सत्र में 141 सांसदों को निलंबित किया है।
ब्यूरोः संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को लोकसभा के 49 और विपक्षी सांसद निलंबित किया है, जिसमें शशि थरूर, डिंपल यादव, मनीष तिवारी, सुप्रिया सुले और दानिश अली समेत कई सांसदों शामिल हैं। इसको लेकर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्षी सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया। इसी बीच विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा दोपहर 2 बजे तक स्थगित रही।
आपको बता दें संसद के शीतकालीन सत्र में 141 सांसदों को निलंबित किया है, जिसमें सोमवार को 46 विपक्षी सांसदों को लोकसभा से और 45 को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। वहीं, विपक्षी नेताओं ने बड़ी संख्या में विपक्षी सांसदों के निलंबन पर तीखी आलोचना की है। साथ में उन्होंने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ भाजपा लोकतांत्रिक बातचीत में बाधा डाल रही है।
इन सांसदों का हुआ निलंबन
वी वेंथिलिंगम, गुरजीत सिंह औजला, सुप्रिया सुले, सप्तगिरि उलाका, अदूर प्रकाश, अब्दुल समद समदानी, मनीष तिवारी, प्रद्युत बार्दोलोई, गिरधारी यादव, गीता कोड़ा, फ्रांसिस्को सारदिन्हा, जगत रक्षम, एसआर पार्तिविवन, फारुख अब्दुला, ज्योत्सना महंत, ए गणेश मूर्ति, माला राय, वेलूसामी, ए चंदकुमार, शशि थरूर, कार्ति चिदबंरम, सुदीप बंदोपाध्याय, डिंपल यादव, हसनैन मसूदी, दानिश अली, खदीदुल रहमान, राजीव रंजन सिंह, डीएनवी सेंथिल कुमार, संतोष कुमार, दुआल चंद्र गोस्वामी, रवनीत बिट्टू, दिनेश यादव, के सुधाकरन, मोहम्मद सादिक, एमके विष्णु प्रसाद, पीपी मोहम्मद फैजल, साजदा अहमद, जसवीर सिंह गिल, महाबली सिंह, अमोल कोल्हे, सुशील कुमार रिंकू, सुनील कुमार सिंह, एचटी हसन, एम धनुष कुमार, प्रतिभा सिंह, थोल थोलमावलम, चंद्रेश्वर प्रसाद, आलोक कुमार सुमन, दिलेश्वर कामत को मंगलवार को लोकसभा से निलंबित किया गया है।
निलंबित किए गए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि वे विपक्ष-मुक्त लोकसभा चाहते हैं और वे राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही करेंगे। इस बिंदु पर दुर्भाग्य हमें भारत में संसदीय लोकतंत्र के लिए श्रद्धांजलियां लिखना शुरू करना पड़ा। आज हमने अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और जो भी वहां मौजूद थे, उन्हें शेष शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है, जिसका मतलब है किवह बिना किसी चर्चा के विधेयक पास करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि यह संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है।