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नारनौल। हरियाणा के मुख्यमंत्री एसवाईएल का मामला दशकों से लटका पड़ा था। मौजूदा सरकार बनते ही इस मामले को समय से पहले सुनने की याचिका लगाई गई जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के हक में फैसला दिया। न्यायालय ने दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को बैठकर फैसला करने को कहा था लेकिन पंजाब हमारा हक देने को राजी नहीं हुआ।
सीएम खट्टर बोले- SYL पर पंजाब को छोड़नी होगी अपनी हठ
उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में विरोध करने का एक तरीका होता है। सदन व मीडिया के समक्ष या लोकतांत्रिक ढंग से सभा करके विरोध कर सकते हैं। धींगामस्ती करना किसी भी सूरत में सही नहीं है। अगर ऐसा होता है तो वह डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान के अनुसार नहीं है।
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सीएम खट्टर बोले- SYL पर पंजाब को छोड़नी होगी अपनी हठ
मनोहर लाल ने इस मौके पर किसानों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि एमएसपी पर कोई आंच आए, उससे पहले वे राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर की बात सोच रही है। एमएसपी कभी खत्म नहीं होगा। एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा। इसी तरह, मंडियां भी रहेंगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीति से प्रेरित होकर आंदोलन कर रहे हैं, वे किसान हितैषी नहीं है। बॉर्डर पर बैठे पंजाब के किसान भाइयों से हमें एसवाईएल के पानी की बात रखनी चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनों नए कृषि कानून किसानों के हित के लिए हैं। इससे किसानों को बंधन से मुक्ति मिलेगी। सरकार मंडी में किसानों की फसल एमएसपी पर खरीदेगी लेकिन अगर किसान बाहर उससे अच्छे दाम में बेचना चाहेगा तो उसे इसकी पूरी आजादी होगी। इसके अलावा, इन नए कानूनों में भंडारण की व्यवस्था सुधारने की बात की गई है। सरकार ने इसी सुधार प्रक्रिया के तहत प्रदेश की 104 मंडियों में से 88 मंडियों को ऑनलाइन किया है।
उन्होंने कहा कि सही भंडारण न होने से हर वर्ष देश में 30 हजार करोड़ रुपये के अनाज का नुकसान होता है। हरियाणा में भी 700 करोड़ रुपए का अनाज खराब हो जाता है। सरकार इस अनाज को बचाने के लिए ये प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के सच्चे हितैषी हैं। देश में भंडारण सुधार व बिक्री सुधार की सख्त आवश्यकता है और इसी की पूर्ति के लिए सरकार ने ये कानून बनाए हैं।
सीएम खट्टर बोले- SYL पर पंजाब को छोड़नी होगी अपनी हठ
मनोहर लाल ने कहा कि विपक्षी पार्टियां किसानों को बहकाने का प्रयास कर रही हैं जिसमें वे कभी सफल नहीं होंगी। विपक्षी नहीं चाहते कि किसानों की आमदनी बढ़े और वे अपने बच्चों का अच्छी तरह से पालन-पोषण कर सकें। उन्होंने कहा कि 2010 में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में पिछली सरकार ने एक कमेटी बनाई थी। उसमें उन्होंने एपीएमसी एक्ट में सुधार की वकालत की थी लेकिन आज यही विपक्षी पार्टियां लोगों को बरगलाकर बॉर्डर बंद करके बैठी हैं।
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मनोहर लाल ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में राज्यों की मनमानी नहीं चल सकती और एसवाईएल पर पंजाब को भी अपना हठ छोड़ना होगा। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि हमें अपने हक का पानी अवश्य मिलेगा। नारनौल के आईटीआई मैदान में जल अधिकार रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि