चन्नी से जालंधर में ईडी की 5 घंटे पूछताछ, भ्रष्ट्राचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है मामला
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रेत खनन मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। 59 वर्षीय कांग्रेस नेता जालंधर में स्थित प्रवर्तन निदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालय से बुधवार रात धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज करवा कर बाहर निकले। गौरतलब है कि इससे पहले निदेशालय ने चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह उर्फ हनी पर शिकंजा कसते हुए कार्रवाई की थी। विधानसभा चुनावों से कुछ दिन पहले उसे गिरफ्तार किया था। वहीं सरकार में रहते पूर्व CM चन्नी भी बार-बार समन के बावजूद ED के सामने पेश नहीं हुए थे। अब सत्ता और पद जाने के बाद मिले समन पर सीधे निदेशालय के जालंधर कार्यालय पहुंच गए। अप्रैल के शुरू में ही हनी और इस मामले में नामजद अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। ED अधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से हनी और अन्य लोगों के साथ उनके संबंधों और मुख्यमंत्री कार्यालय में उनके भतीजे की कुछ यात्राओं के बारे में पूछताछ की। साथ ही सूत्रों के मुताबिक उनसे राज्य में अवैध बालू खनन अभियान के तहत कुछ अधिकारियों के तबादले और पदस्थापना के आरोपों के बारे में भी पूछताछ की गई। यह है मामला पंजाब में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद गत जनवरी में ईडी ने पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपेंद्र सिंह उर्फ हनी के मोहाली स्थित घर पर छापामारी की थी। हनी और उसके मित्र के पास से जांच एजेंसी ने कुल 10 करोड़ रुपये बरामद किए थे। इसके बाद विरोधी दलों के नेताओं ने आरोप लगाया था कि असल में ये रुपये तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के थे। मामले में फरवरी की शुरुआत में ईडी ने हनी को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में उसने माना था कि उसने ये पैसे रोड़ा बन रहे खनन अधिकारियों का स्थानांतरण करवाने के लिए वसूले थे। हालांकि उसने धनराशि का चरणजीत सिंह चन्नी से कनेक्शन होने से इन्कार कर दिया।