
चंडीगढ़। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में अहम कदम उठाते हुए इस बार गेहूं की सरकारी खरीद एक अप्रैल 2021 से शुरू करने का निर्णय लिया है ताकि किसानों को अगेती फसल का भंडारण न करना पड़े। उन्होंने कहा कि पिछली बार 10 अप्रैल से खरीद आरंभ हुई थी। गेहूं की खरीद के लिए करीब 400 छोटे-बड़े खरीद-केंद्र बनाए जाएंगे। इसके बावजूद किसानों की जरूरत के अनुसार मंडी बनाई जाएंगी।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रविवार को यहां योजित पत्रकार-वार्ता में बताया कि देश में हरियाणा एकमात्र राज्य है जहां गेहूं, सरसों, दाल, चना, सूरजमुखी, जौ समेत कुल 6 फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) पर खरीदी जाती हैं। पहली बार प्रदेश में जौ फसल की एमएसपी पर खरीद की जाएगी और इसके लिए 7 मंडियां निर्धारित की गई हैं।
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उन्होंने बताया कि देश के इतिहास में हरियाणा ऐसा प्रथम प्रदेश होगा जहां जे-फार्म कटने के 48 घंटे के अंदर फसल-बिक्री की कीमत किसान की मर्जी के अनुसार उसके खुद के बैंक खाते में या आढ़ती के खाते में पहुंच जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि पड़ोसी राज्य भी किसान-हित में इस नीति को अपनाएंगे। डिप्टी सीएम ने कहा कि अगर पंजाब, राजस्थान व अन्य पड़ोसी राज्य हरियाणा की फसल-खरीद का मॉडल अपनाना चाहेंगे तो हरियाणा सरकार उनको हर संभव तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाने के लिए तत्पर है।
उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य के 7.25 लाख किसानों ने गेहूं की बिक्री के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर स्वयं पंजीकृत करवाया है। यही नहीं पड़ोसी राज्यों के एक लाख 3 हजार किसानों ने भी इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाया है।