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फास्ट टैग को एक्टिवेट करवाने के नाम पर धोखाधड़ी, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

Written by  Arvind Kumar -- February 19th 2020 05:16 PM
फास्ट टैग को एक्टिवेट करवाने के नाम पर धोखाधड़ी, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

फास्ट टैग को एक्टिवेट करवाने के नाम पर धोखाधड़ी, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस ने साइबर क्राइम के मद्देजनर एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी कर नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे अपने फास्ट टैग वॉलेट को रजिस्टर या एक्टिवेट करते समय विशेष सतर्कता बरतें क्योंकि कुछ धोखेबाज इसका सहारा लेकर उनकी मदद करने के बहाने उनके बैंक खातों से पैसे निकालने का प्रयास कर सकते हैं। नागरिकों को ऐसे जालसाजों से सावधान रहने की सलाह देते हुए पुलिस महानिदेशक, अपराध, पी के अग्रवाल ने आज यहां बताया कि भारत सरकार द्वारा सभी निजी और व्यावसायिक वाहनों के लिए टोल प्लाजा पर फास्ट टैग अनिवार्य करने के बाद ऐसे जालसाज अब नागरिकों को ठगने के लिए एक नया तरीका लेकर आए हैं। ये असामाजिक तत्व फास्ट टैग को रजिस्टर या एक्टिवेट करने में मदद का बहाना कर भोलेभाले लोगों के बैंक खातों से पैसे निकालकर ठगी का प्रयास कर रहे हैं। फास्ट टैग सेवा नई होने के कारण ऐसे घोटालेबाज नागरिकों को धोखा देने के लिए हर तरह की कोशिश कर रहे हैं। [caption id="attachment_390028" align="aligncenter" width="700"]Haryana Police issues advisory to check FASTag fraud फास्ट टैग को एक्टिवेट करवाने के नाम पर धोखाधड़ी, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी[/caption] धोखाधड़ी के तरीके बारे जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहले, ऐसे जालसाज फर्जी संदेशों को बैंकों जैसे वास्तविक स्रोतों से भेजकर फास्ट टैग पंजीकरण के नाम पर व्यक्तिगत या वित्तीय विवरण और यहां तक कि ओटीपी देने के लिए कहते हैं। बाद में नागरिकों को छूट या कैशबैक योजनाओं की पेशकश का लालच दे उन्हें पैसे हस्तांतरित करने या अपना विवरण साझा करने के लिए कहते हैं। जैसे ही कोई इस संबंध में जानकारी या ओटीपी कॉलर को देता है, संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते से धनराशि की ठगी हो जाती है। यह भी पढ़ेंपंजाब में स्कूल वैन हादसे के बाद जागी पुलिस ऐसे जालसाजों से बचने के लिए एहतियाती उपायों को साझा करते हुए अग्रवाल ने नागरिकों से इन घोटालेबाजों के बहकावे में नहीं आने का आग्रह किया और कहा कि जब भी उन्हें फास्ट टैग पंजीकरण को लेकर कोई अंजान कॉल आती है, तो तुरंत इसे डिस्कनेक्ट कर देना चाहिए और वास्तविकता की जांच-पड़ताल के लिए नजदीकी बैंक में जाकर संपर्क करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि फोन पर बैंक कर्मचारी से बात करने से फास्ट टैग का रजिस्ट्रेशन या एक्टिवेशन नहीं होता है। उन्होंने लोगों को किसी को भी पिन या पासवर्ड साझा न करने की सलाह देते हुए कहा कि फास्ट टैग को केवल इसे जारी करने के लिए अधिकृत बैंक, टोल प्लाजा, पेटीएम, अमेज़न जैसी अनुमोदित एजेंसियों से ही खरीदना चाहिए। इसके अतिरिक्त, नागरिकों को एनएचएआई द्वारा उपलब्ध कराए गए केवल वास्तविक एप्लिकेशन ही इंस्टॉल करने चाहिए। उदाहरण के लिए, गूगल प्लेस्टोर पर उपलब्ध माई फास्ट टैग एप्लिकेशन को एनएचएआई द्वारा भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड के तहत लॉन्च किया गया है। ---PTC NEWS---


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