प्रदेश में सूखे की स्थिति, अब तक 95 करोड़ का नुकसान, आम जनजीवन प्रभावित
हिमांचल प्रदेश में इस वर्ष सूखे की आशंका जताई जा रही है, राज्य सरकार ने समस्त किसानों को एड्वाइजरी जारी की है जिसमें सूखे के संबंध में बताया गया है। एडवाईजरी आलू की फसल और सिंचाई के संबंध में जारी की गई है। प्रदेश में इस वर्ष सर्दियों में भारी बर्फबारी न होने से पानी की कमी होने लगी है जिसे देखते हुए अधिकारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। फिलहाल प्रदेश में सूखे की स्थिति पैदा हो गई है।
समस्त किसानों और बागवानों को अधिकारियों ने नुकसान से बचने के लिए बारिश होने तक इंतजार करने को कहा है। क्योंकि प्रदेश में पानी की भारी किल्लत शुरू हो चुकी है । मौसम विभाग ने भी फिलहाल बारिश को लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं की है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के आधार पर किसानों को एड्वाइजरी दी गई है कि फसल में होने वाले नुकसान से बचने के लिए बेहतर होगा कि बारिश का इंतजार कर लें।
अब तक सूखे के कारण लगभग 95 करोड़ से ज्यादा का नुकसान कृषि विभाग को हो चुका है। गेहूं की फसल में इस वर्ष सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। लहसुन,टमाटर, मटर ,फूलगोभी भी सूखे की भेंट चढ़ चुके हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में हुई बैठक में पता चला कि हिमाचल में 10 हजार से ज्यादा पेयजल स्कीमों में से केवल 12 स्कीमों में सूखे का असर देखने को मिला है, लेकिन अगर बारिश नहीं होती है तो इसकी संख्या और बढ़ सकती है।
फिलहाल राज्य सरकार पानी को बचाने के लिए उचित उपाय करने और जागरूकता अभियान चलाए जाने के बारे में विचार कर रही है। शीघ्र ही राज्य सरकार इसको लेकर कोई उचित उपाय करेगी। फिलहाल फील्ड स्टाफ के माध्यम से सरकार लोगों में जागरूकता लाने और पानी को बचाने के लिए प्रयास कर रही है। राज्य में मौजूद नेचुरल पानी के स्रोतों को बचाने के लिए भी सरकार लगातार कोशिशें कर रही है।
- PTC NEWS