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GJU के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युवाओं से किया आह्वान- जॉब सीकर नहीं, बनें जॉब प्रोवाइडर

समारोह के दौरान संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हुई कि डिग्री पाने वाली बेटियों की संख्या 60 फीसदी से अधिक है। मेडल प्राप्त करने वालों में भी बेटियों की संख्या 75 फीसदी है

Reported by:  Sandeep Saini  Edited by:  Baishali -- March 10th 2025 02:32 PM
GJU के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युवाओं से किया आह्वान- जॉब सीकर नहीं, बनें जॉब प्रोवाइडर

GJU के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युवाओं से किया आह्वान- जॉब सीकर नहीं, बनें जॉब प्रोवाइडर

हिसार: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज (10 मार्च) गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुंचीं जहां उन्होंने विद्यार्थियों को डिग्री और मेडल वितरित किए। इस मौके पर RSS की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार को मानद उपाधि दी गई। 


समारोह के दौरान संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हुई कि डिग्री पाने वाली बेटियों की संख्या 60 फीसदी से अधिक है। मेडल प्राप्त करने वालों में भी बेटियों की संख्या 75 फीसदी है। यह देश के विकास में बढ़ती महिलाओं का प्रमाण है। महामहिम ने कहा कि रोजगार पाने की मानसिकता में बदलाव की ज़रूरत है. होना ये चाहिए कि रोजगार उत्पन्न करने की मानसिकता के साथ आगे बढ़ें। यानी जॉब सीकर नहीं जॉब प्रोवाइडर बनें ये कोशिश हमें करनी चाहिए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी में ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बहुत अधिक है। मैं अपील करूंगी कि गांव के लोगों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। इस नीति के अनुरूप ग्रहण की गई शिक्षा विद्यार्थियों में मौलिक सोच व रचनात्मक क्षमता को बढ़ावा देगी। रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाएगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि गुरु जंभेश्वर महाराज एक महान संत व दार्शनिक थे। वैज्ञानिक सोच, नैतिक जीवन शैली के समर्थक थे। उनका मानना था कि प्रकृति की रक्षा करना सभी जीवों के प्रति करुणा का भाव रखना, उनका संरक्षण करना मानव का नैतिक दायित्व है। गुरु जंभेश्वर की शिक्षाएं बहुत ही प्रासंगिक हैं। मुझे प्रसन्नता हुई कि 30 वर्ष की यात्रा में यहां के विद्यार्थियों व संकाय सदस्यों ने कई महत्वपूर्ण शोध उपलब्धियां हासिल की हैं।

यह सराहनीय है कि इन्कयूबेशन, स्टार्टअप के प्रोजेक्ट्स के लिए स्पेशल डिपार्टमेंट बनाया गया है। मुझे विश्वास है कि यह प्रयास विद्यार्थियों में इनोवेशन की भावना विकसित करने में सहायक सिद्ध होंगे। बदलती ग्लोबल डिमांड के अनुसार युवा पीढ़ी को तैयार करना उच्च शिक्षण संस्थानों के समक्ष चुनौती है। देश के विकास के लिए यह भी आवश्यक है कि टेक्नोलॉजी गांव-गांव तक पहुंचे।

वहीं इस मौके पर GJU के वाइस चांसलर नरसी राम बिश्नोई ने जानकारी दी कि स्टूडेंट्स को ई-मेल पर डिजिटल डिग्री पहुंच जाएंगी। डिजिटल डिग्री देने वाला GJU प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है। दुनिया के किसी भी कोने में सरकारी व गैर सरकारी संस्थान द्वारा इस डिजिटल डिग्री की वेरिफिकेशन की जा सकेगी।

समारोह में आज PHD की 561 डिग्रियों के अलावा 2090 डिग्री दी गईं। 564 विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी मेडल दिए। GJU में पढ़ने वाले 60 फीसदी विद्यार्थी ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं। 60 प्रतिशत PHD शोधार्थी लड़कियां है। यूनिवर्सिटी मेडल पाने वाली भी 70 फीसदी लड़कियां हैं।

- With inputs from our correspondent

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