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हरियाणा CM ने लॉन्च किए 6 नए पोर्टल, किसानों को मिली बड़ी राहत, यहां पढ़े मनोहर लाल की घोषणाएं

हरियाणा के सीएम ने राज्य के किसानों को बड़ी राहत दी है।

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Rahul Rana -- September 13th 2023 06:09 PM
हरियाणा CM ने लॉन्च किए 6 नए पोर्टल,  किसानों को मिली बड़ी राहत, यहां पढ़े मनोहर लाल की घोषणाएं

हरियाणा CM ने लॉन्च किए 6 नए पोर्टल, किसानों को मिली बड़ी राहत, यहां पढ़े मनोहर लाल की घोषणाएं

चंडीगढ़ : हरियाणा के सीएम ने राज्य के किसानों को बड़ी राहत दी है। सीएम ने घोषणा की कि बाढ़ की वजह से जिन किसानों की धान की फसल का नुकसान हुआ है और वह दोबारा धान लगाते हैं तो उनको 7000 रुपए सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा।

इस दौरान सीएम ने 6 नए पोर्टल की भी शुरुआत की। इनमें शहरी आवास योजना पोर्टल, दयालु स्कीम, प्रो एक्टिव OBC, नए ई-भूमि पोर्टल, हाउसिंग फ़ॉर ऑल विभाग, नई नो लिटिगेशन पॉलिसी पोर्टल का उद्घाटन किया।


सीएम ने कहा कि पूर्व सीएम ने मुझे पोर्टल की सरकार की संज्ञा दी है उसके लिए उनका धन्यवाद, लेकिन हमें इसके लिए खुशी है। हम लोगों की सुविधा के लिए नए पोर्टल लाते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कई दौर की मीटिंग के बाद कहा कि आज से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना का शुभारंभ किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना से प्रेरणा लेकर हमने संकल्प लिया कि हर परिवार के पास अपना घर हो। इस पोर्टल पर वे सभी गरीब परिवार घर के लिए आवेदन कर सकेंगे जिनके पास घर नहीं है और वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है।

इस योजना में पंचकूला, गुरुग्राम, सोनीपत और फरीदाबाद में फ्लैट बनाए जाएंगे, अन्य शहरों में प्लाट व फ्लैट दोनों विकल्प होंगे। सीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) द्वारा आवास कॉलोनियां बनाई जाएंगी।

7 जुलाई, 2023 को कैबिनेट बैठक में उन भूस्वामियों के लिए नो-लिटिगेशन पॉलिसी-2023 का निर्णय लिया गया है। जिनकी जमीन गांव कसान, कुकरोला और सेहरावां में आई.एम.टी. मानेसर के विस्तार के लिए अधिग्रहित की गई है। यह नीति हमने इसलिए बनाई है,ताकि भूस्वामियों की स्वैच्छिक भागीदारी से तेजी से विकास हो। इस नीति में शर्त यह है कि भूस्वामी 16 अगस्त, 2022 को घोषित अवार्ड के अनुसार मुआवजा स्वीकार करने के बाद अपनी भूमि की खरीद को चुनौती नहीं देंगे।

इन अवार्ड्स में घोषित मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग नहीं करेंगे और किसी भी अदालत में चल रहे इस भूमि से सम्बन्धित सभी मामले वापस लेंगे। प्रत्येक एक एकड़ भूमि के लिए 1,000 वर्ग मीटर के आनुपातिक आधार पर विकसित आवासीय या विकसित औद्योगिक भूखंड दिया जाएगा। आवंटन की दर पहली फ्लोटेशन के समय निर्धारित आरक्षित मूल्य के बराबर होगी। ‘भूमि पात्रता प्रमाण पत्र’ योजना बंद होने से तीन महीने की अवधि के भीतर जारी किया जाएगा

बजट में ‘दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना‘ नामक एक नई योजना शुरू करने की घोषणा की थी। आज हमने इस योजना के 563 लाभपात्रों को 21 करोड़ 38 लाख रुपए की राशि उनके बैंक खातों में डाले हैं। योजना के अन्तर्गत विभिन्न स्लैब बनाकर लाभार्थी परिवारों को सहायता दी जाती है। सीएम ने परिवार पहचान पत्र के डेटा का उपयोग कर OBC प्रमाण पत्र जारी करने के काम का सरकार शुभारंभ कर रही है।

अब नागरिक सरल पोर्टल पर जाकर, पीपीपी में मौजूद अपने डेटा के आधार पर पात्र पाए जाने पर, अपना OBC प्रमाण पत्र ऑनलाइन घर बैठे डाउनलोड कर सकेंगे।

पिछले दिनों में एक समाचार हमारे विपक्षी मित्रों ने उठाया था कि प्रॉपर्टी आईडी का पोर्टल। इसके अंदर कुछ नक्शे गायब हो गए हैं। पोर्टल में एक छोटा सा बग आया था, जिसको सही कर दिया गया है। पोर्टल में जो डिस्प्ले नहीं हो रहा था वह रिकवर करके सही करा दिया गया है। यह तीन विभागों का पोर्टल है। हर एक प्रकार का डाटा हमारे पास सुरक्षित है।

सीएम ने बताया कि प्रदेश में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए चलाए जा रहे ई-रवाना पोर्टल के स्थान पर एचएमजीआईएस पोर्टल आज से शुरू कर दिया गया है। ई-रवाना पोर्टल को नई सुविधाओं के साथ ‘हरियाणा खान एवं भूविज्ञान सूचना प्रणाली (एच.एम.जी.आई.एस.)’ विकसित करने का निर्णय लिया है। इसमें OTP आधारित लॉगिन- इस पोर्टल पर यूजर-लॉगिन हर बार ओटीपी से प्रमाणित होता है और मालिक को SMS के माध्यम से जानकारी मिलेगी।

सीएम ने बताया कि हमने फरवरी 2017 में ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से विकास परियोजनाओं के लिए सरकार को स्वेच्छा से दी जाने वाली भूमि खरीद की नीति शुरू की, जिसमें 2018, 2019 में एक-एक बार और 2020 में दो बार इसमें संशोधन किए। बाद में यह महसूस किया गया कि एक समेकित नीति अधिसूचना जारी करने की आवश्यकता है। इसमें एजेंसी, यानी कि भूमि अभिलेख निदेशालय ने एग्रीगेटर्स के पैनलिंग की प्रक्रिया को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रस्तावित किया गया।

किसान स्वतंत्र रूप से या सूचीबद्ध एग्रीगेटर्स के माध्यम से अपनी जमीन की पेशकश कर सकते हैं। एग्रीगेटर्स द्वारा किए गए स्वैच्छिक प्रस्तावों के लिए न्यूनतम 10 एकड़ की पेशकश को अनिवार्य बना दिया गया।

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