HP News: रोहतांग टनल खुलने से 6 माह की जगह 12 माह तक बढ़ा लाहौल स्पीति में पर्यटन, बदलने लगी घाटी की तस्वीर
ब्यूरो: पराक्रम चन्द: समुद्र तल से 10,000 फुट की ऊंचाई पर बनी अटल टनल के खुलने से जिला लाहौल-स्पीति के लोग छह माह बर्फ की कैद से अब आजाद हो गए हैं। घाटी में सर्दियों के दौरान 6 माह तक कैद रहना पड़ता था। क्योंकि टनल बनने से पहले सर्दियों में बर्फबारी से घाटी के लोगों का संपर्क छह माह के लिए देश और दुनिया से कट जाता था।
बर्फबारी से बाहर निकलने के लिए हेलीकॉप्टर पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन टनल के खुलने के बाद से मनाली-लेह मार्ग की दूरी भी 46 किलोमीटर कम हो गई है। रोहतांग टनल खुले तीन साल हो चुके हैं। रोहतांग टनल ने कबायली क्षेत्र लाहौल स्पीति की तकदीर बदलनी शुरू कर दी है। यहां के पर्यटन को पंख लगने लगे है।
रोहतांग टनल बनने से लाहौल स्पीति में पर्यटन में भारी उछाल आया है। सर्दियों का मौसम चरम पर है, बावजूद इसके रिकॉर्ड वाहन हर दिन रोहतांग से गुजर रहे है। टनल खुलने के बाद घाटी में हॉटेल व होम स्टे की संख्या बढ़ने लगी है। घाटी में होटल ढाबे व होम स्टे की कुल संख्या 800 को पार कर गई है। इनमें होम स्टे 500 के करीब हैं। टनल के खुलने के बाद यहां के कृषि बागवानी व बर्फ वाली खेलों को भी बढ़ावा मिल रहा है। टनल के खुलने के बाद से घाटी में 6 माह की जगह 12 माह का पर्यटन सीजन हो गया है।
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