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लद्दाख हादसा: हरियाणा के तीनों शहीदों को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई, पलवल में 1 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

ब्यूरो: शनिवार की रात लेह-लद्दाख में आर्मी का ट्रक खाई में गिरने के बाद शहीद हुए हरियाणा के तीन जवानों का अंतिम संस्कार किया गया. सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ तीनों शहीदों को अंतिम विदाई दी गई.

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Shagun Kochhar -- August 21st 2023 08:02 PM
लद्दाख हादसा: हरियाणा के तीनों शहीदों को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई, पलवल में 1 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

लद्दाख हादसा: हरियाणा के तीनों शहीदों को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई, पलवल में 1 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

ब्यूरो: शनिवार की रात लेह-लद्दाख में आर्मी का ट्रक खाई में गिरने के बाद शहीद हुए हरियाणा के तीन जवानों का अंतिम संस्कार किया गया. सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ तीनों शहीदों को अंतिम विदाई दी गई.


राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

शहीद हुए जवान रोहतक, नूंह और पलवल के रहने वाले थे. रोहतक के अंकित, पलवल के मनमोहन सिंह और नूंह के तेजपाल सिंह शामिल हैं. तीनों से पार्थिव शरीर सोमवार को ही पैतृक गांव लाए गए. जहां लोगों ने शहीदों को भारी संख्या में पहुंच कर नम आंखों से अंतिम विदाई दी.

बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

इस हादसे की खबर मिलने के बाद से ही तीनों गांवों में गमगीन माहौल था. वहीं सोमवार को जब पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचे तो सभी के आंखे नम हो गईं. वहीं रोहतक के अंकित को छोटे भाई, नूंह के तेजपाल को उसके 6 साल के बेटे और पलवल के मनमोहन को उसके एक साल के बेटे ने मुखाग्नि दी. ये दृश्य देख हर किसी का कलेजा सिहर गया.

शनिवार रात हुआ था हादसा

शनिवार की रात लद्दाख में आर्मी का एक वाहन खाई में गिरने के बाद ड्यूटी पर शहीद हुए नौ सैन्यकर्मियों में से तीन हरियाणा के थे, दो पंजाब के और एक हिमाचल प्रदेश का था.

रोहतक के अंकित की पत्नी 3 महीने की गर्भवती

रोहतक के गद्दी खेड़ी गांव का 24 वर्षीय गनर अंकित अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला था, जिसमें उसकी मां, पत्नी और छोटा भाई शामिल हैं. वह बारहवीं कक्षा के बाद 2018 में सेना में शामिल हो गए. शहीद अंकित की पत्नी प्रीति करीब तीन माह की गर्भवती हैं. अब अंकित की निशानी के रूप में आने वाले बच्चे को देख रही हैं.

पलवल के मनमोहन को एक साल के बेटे ने दी मुखाग्नि 

पलवल के हथीन गांव के गनर मनमोहन सिंह अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए 2016 में सेना में शामिल हुए. नौकरी के दौरान ही उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की. मनमोहन अपने पीछे तीन बड़ी बहनें, माता-पिता और एक साल का बेटा छोड़ गए हैं. पलवल के मनमोहन को उसके एक साल के बेटे ने मुखाग्नि दी.


तेजपाल सिंह को 6 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

वहीं नायक तेजपाल सिंह नूंह के उजिना संगेल गांव के रहने वाले थे. उन्हें 2013 में सेना में शामिल किया गया था. उनके छह और तीन साल के दो बेटे हैं. नूंह के तेजपाल को उसके 6 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी.

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