Sun, Apr 28, 2024
Whatsapp

CWG 2022: होमगार्ड की बेटी ने बॉक्सिंग में जीता कांस्य पदक, परिवार में खुशी का माहौल

Written by  Vinod Kumar -- August 07th 2022 03:16 PM -- Updated: August 07th 2022 05:57 PM
CWG 2022: होमगार्ड की बेटी ने बॉक्सिंग में जीता कांस्य पदक, परिवार में खुशी का माहौल

CWG 2022: होमगार्ड की बेटी ने बॉक्सिंग में जीता कांस्य पदक, परिवार में खुशी का माहौल

भिवानी/किशन सिंह: मिनी क्यूबा के नाम से विख्यात भिवानी शहर को मुक्केबाजों का गढ़ यूं ही नहीं कहा जाता, बल्कि यहां के मुक्केबाज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करते हैं तो लोगों के जहन में मुक्केबाजों की नगरी भिवानी का नाम अपने आप आता है। भिवानी की महिला मुक्केबाज जैस्मिन लंबोरिया ने बर्मिघम में आयोजित कॉमनवेल्थ खेलों में देश के लिए ब्रॉन्ज मैडल जीतकर एक बार फिर से मिनी क्यूबा का नाम रोशन करने का काम किया है। 60 किलोग्राम की लाइट वेट मुक्केबाज जैस्मिन ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड की ट्रायगार्डन को 4-1 को हराकर ब्रॉन्ज मैडल हासिल किया। हालांकि जैस्मिन सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड की खिलाड़ी गैमापैज रीचर्डसन से मामूली अंतर से हार गई। भिवानी में जैस्मिन के परिजनों ने इस बात की खुशी जताई कि उनकी बेटी ने ना केवल भिवानी, हरियाणा बल्कि कॉमनवेल्थ में ब्रॉन्ज मैडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है, जिसकी पूरे परिवार व क्षेत्र के लोगों को खुशी हैं।


भिवानी शहर में 30 अगस्त 2001 को पैदा हुई जैस्मिन चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर है। उनके पिता जयवीर सिंह होमगार्ड की नौकरी करते है तथा माता जोगेंद्र कौर गृहणी है। जैस्मिन का छोटा भाई जयंत भी अपनी बहन की देखादेखी अब बॉक्सिंग करने लगा है। जैस्मिन ने 16 वर्ष की आयु में अपने चाचा संदीप व प्रविंद्र से प्रेरणा लेकर मुक्केबाजी शुरू की। उसके दोनों चाचा राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके है।


2019 में जैस्मिन ने यूथ एशियन खेलों में ब्रॉन्ज मैडल प्राप्त किया था। इससे पहले जैस्मिन ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी व खेलो इंडिया में भी प्रतिभागी रह चुकी है। सीनियर नेशनल खेलों में सिल्वर मैडल के अलावा वर्ष 2021 में हुए सीनियर एशियन खेलों में ब्रांज मैडल भी प्राप्त कर चुकी है। बॉक्सम टूर्नामेंट में भी अपने भार वर्ग में जैस्मिन लंबोरिया सिल्वर मैडल प्राप्त कर चुकी है। जैस्मिन के ब्रांज मैडल जीतने की खुशी जहां उनके परिजनों को है, वही जैस्मिन के माता जोगेंद्र कौर व चाचा संदीप को इस बात का मलाल भी है कि जैस्मिन देश के लिए गोल्ड मैडल नहीं ला सकी, क्योंकि जैस्मिन ने बेहतर तैयारी की थी। ऐसे में मामूली अंतर से हारने के कारण वह कॉमनवेल्थ प्रतियोगिता में वह ब्रॉन्ज मैडल से आगे नहीं बढ़ पाई।


हालांकि जैस्मिन के परिजनों का कहना है कि जैस्मिन इस प्रतियोगिता से लौटने के बाद एशियन खेलों व ओलंपिक खेलों के लिए अपनी तैयारियों में जुटेंगी, जहां वह देश के लिए जरूर गोल्ड मैडल लाएगी। जैस्मिन की माता का कहना है कि दूध-बादाम व कड़ी मेहनत के बल पर जैस्मिन ने मुक्केबाजी में अपनी जगह बनाई और कॉमनवेल्थ में ब्रॉन्ज मैडल प्राप्त किया। जैस्मिन के भाई जयंत ने बताया कि वह भी अपनी बहन की देखादेखी अब मुक्केबाजी करने लगा है। गौरतलब है कि भिवानी के प्रतिभाशाली मुक्केबाजी ना केवल इस क्षेत्र, बल्कि देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन युवाओं को नई दिशा दिखा रहे हैं।


Top News view more...

Latest News view more...