पीएम मोदी-बोरिस जॉनसन के बीच हुई मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई बातचीत...यूक्रेन युद्ध पर भारत ने क्लियर किया अपना स्टैंड
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने अपने भारत दौरे के आखिरी दिन शुक्रवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर सहमति बनी है। साथ ही अहम मसलों जैसे यूक्रेन, अफगानिस्तान पर चर्चा हुई। बैठक के बाद संयुक्त बयान में पीएम मोदी ने बोरिस जॉनसन (Boris Johnson India Visit) के भारत दौरे को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा, ‘पिछले कई साल से भारत और ब्रिटेन (India-Britain Relations) के संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री जॉनसन की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। पीएम मोदी ने साझा बयान में कहा, ‘बैठक के दौरान हमने यूक्रेन में तुरंत युद्धविराम और समस्या के समाधान के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी पर बल दिया। हमने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान का महत्त्व भी दोहराया।’ उन्होंने कहा कि पिछले साल हमने दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की भी स्थापना की। हमने रोडमैप 2030 को भी लांच किया था। FTA के विषय में दोनों देशों की टीम काम कर रही है और बातचीत में प्रगति हो रही है। हमने इस साल के अंत तक FTA के समापन का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि आज हमने अपनी जलवायु और ऊर्जा पार्टनरशिप को और अधिक गहन करने का निर्णय लिया। हम UK को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। वहीं, पीएम बोरिस जॉनसन के संबोधन का अंदाज भी जोरदार रहा। बोरिस ने कहा कि Narendra, My Khaas Dost!। इस चुनौतीपूर्ण समय में मेरा मानना है कि हम खास दोस्त और करीब हो जाते हैं। आज हमारी शानदार बातचीत हुई और हमने अपने रिश्ते को हर तरह से मजबूत किया है। भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी हमारे समय की परिभाषित दोस्ती में से एक है। बोरिस जॉनसन ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी हमारे समय की परिभाषित दोस्ती में से एक है। ब्रिटेन नौकरशाही को कम करने और रक्षा खरीद के लिए डिलीवरी के समय को कम करने के लिए एक भारत विशिष्ट खुला सामान्य निर्यात लाइसेंस बना रहा है।
ब्रिटिश पीएम ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला और नियम-आधारित रखने में दोनों देशों का साझा हित है। दोनों देश वायु, अंतरिक्ष और समुद्री खतरों से निपटने के लिए सहमत हुए हैं। हम स्थायी, घरेलू ऊर्जा के लिए कदम उठाएंगे। इस यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों को गहरा किया है।