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अब गाय-भैंस के गर्भ की होगी स्टीक जांच, सीआईआरबी ने तैयार की जांच किट

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Arvind Kumar -- August 26th 2020 11:46 AM
अब गाय-भैंस के गर्भ की होगी स्टीक जांच, सीआईआरबी ने तैयार की जांच किट

अब गाय-भैंस के गर्भ की होगी स्टीक जांच, सीआईआरबी ने तैयार की जांच किट

हांसी। (संदीप सैणी) पशुपालकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अपनी गाय या भैंसों के गर्भधारण को लेकर संशय में रहने वाले किसान अब अपने पशुओं के गर्भधारण की स्टीक जांच कर सकेंगे। अब कई महीनों के इंतजार के बाद पशुओं का गर्भ खाली रहने की समस्या से पशुपालकों को छुटकारा मिल जायेगा। पहले गर्भधारण के लिए टीके लगवाने या झोटे के पास ले जाने के बाद पशुओं के गर्भधारण को लेकर अल्ट्रासाउंड या हाथ डालकर देखने की तकनीक से ही गर्भ का पता लगता था। कई बार पशुपालक पशुओं के आगे के लिए तैयार होने के इंतजार में बैठे रहते थे और पशु का गर्भ खाली रह जाता था। मगर अब ये परेशानी नहीं होगी। इसके लिए हिसार में सिरसा रोड स्थित केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने देश की प्रथम गाय भैंस गर्भ जांच किट तैयार कर ली है जो पशुओं के मूत्र से गर्भ की जांच करेगी। सीआईआरबी के निदेशक डॉ. एस.एस. दहिया के अनुसार इस किट को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों में एनडीआरआई करनाल व आईवीआरआई के वैज्ञानिक भी शामिल हैं। किट को तैयार करने में आठ साल का वक्त लगा है और इसे पेटेंट के लिए भेज दिया गया है। पेटेंट मिलते ही किट का व्यवसायिक उत्पादन शुरू कर दिया जायेगा। फिलहाल इसका प्रोटोटाइप तैयार किया गया है। अब तक जांच में इस किट के परिणाम 93 फीसदी तक सही मिले हैं। Pregnancy diagnosis kit for Buffalo and Cow | Haryana News सीआईबारबी ने भैंसों से जुड़ी एक और बड़ी समस्या पर भी बड़ी सफलता हासिल की है। भैंसों को ग्रीन हाउस गैस मीथेन के उत्सर्जन के लिए काफी जिम्मेदार ठहराया जाता है। सीआईआरबी के वैज्ञानिकों ने ढाई साल की रिसर्च के बाद एक ऐसा मिश्रण तैयार किया है जिसे खिलाने के बाद भैंसों से मीथेन गैस के उत्सर्जन को 20 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। इससे पर्यावरण को भी फायदा होगा और भैसों का भी पोषण बढ़ेगा। डॉ. दहिया के अनुसार इस मिश्रण को भी पेटेंट के लिए भेज दिया गया है। पेटेंट मिलने के बाद इस मिश्रण को पशुपालकों के लिए उपलब्ध करवाया जायेगा। डॉ. दहिया ने संस्थान की एक और सफल रिसर्च के बारे में बताया कि क्लोन तकनीक से तैयार झोटों का वीर्य भी सामान्य झोटों की तरह काम करता है। कई साल की रिसर्च के बाद ये बात निकलकर सामने आयी है। इससे अब बढ़िया नस्ल के झोटों की क्लोनिंग में आसानी होगी। ये रिसर्च क्लोन तकनीक से तैयार हरियाणा गौरव नामक झोटे पर की गयी है। Pregnancy diagnosis kit for Buffalo and Cow | Haryana News एक साथ आठ कटड़ों को क्लोन तकनीक से तैयार करने की उपलब्धि हासिल करके पूरे विश्व में देश का नाम रोशन करने वाले इस संस्थान की ये नई उपलब्धियां भी पूरे विश्व को फायदा पहुंचाने वाली हैं। गर्भ का पता लगाने वाली किट हो या ग्रीन हाउस गैस कम करने वाला मिश्रण या फिर क्लोन से आगे स्वस्थ्य झोटे तैयार करने की तकनीक, ये पूरे विश्व में पशुपालन क्षेत्र में क्रांतिकारी उपलब्धियां साबित होंगी। ---PTV NEWS---


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