राम रहीम की बढ़ीं मुश्किलें: पंजाब पुलिस की एसआईटी ने दो और मामलों में किया नामजद
रोहतक की सुनारिया जेल में बंद गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बेअदबी मामलों की जांच कर रही पंजाब पुलिस की एसआईटी ने डेरा प्रमुख को बाकी दो घटनाओं में आरोपी बनाया है।इनमें विवादित पोस्टर लगाने और श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन अंग मिलने का मामला शामिल है। इन दोनों घटनाओं में भी राम रहीम के खिलाफ एसआईटी ने फरीदकोट अदालत में पूरा चालान पेश कर दिया है। अदालत ने डेरा प्रमुख को चार मई 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंस से पेश होने का आदेश दिया। इस मामले में सात डेरा प्रेमियों के खिलाफ विशेष जांच टीम पहले ही चालान पेश कर चुकी है। जांच टीम ने अदालत को बताया कि इस मामले की साजिश रचने में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम भी शामिल हैं, जो इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में नजरबंद हैं। ज्युडिशियल मैजिस्ट्रेट ने सुनारिया जेल के सुपरिंटेंडेंट को लिखित हिदायत की है कि डेरा प्रमुख को 4 मई की सुबह 10 बजे वीडियो कान्फ़्रेंस के द्वारा अदालत में पेश किया जाए। बता दें कि जांच टीम की कोशिशों के बावजूद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख फरीदकोट अदालत में पेश नहीं हुआ है। जांच टीम डेरा प्रमुख से सुनारिया जेल जाकर उच्च स्तरीय पूछ-पड़ताल कर चुकी है। HC में SIT ने दिया था जवाब, डेरे में रची गई बेअदबी की साजिश साल 2015 के बेअदबी केस में पंजाब पुलिस की SIT ने HC में रिपोर्ट दी थी। इसमें कहा गया कि बेअदबी की पूरी साजिश डेरा सच्चा सौदा हेडक्वार्टर सिरसा में रची गई। IG एसपीएस परमार वाली SIT ने हाईकोर्ट में 65 पन्नों की स्टेट्स रिपोर्ट जमा की थी। राम रहीम से SIT ने सुनारिया जेल जाकर 114 सवाल पूछे थे। बाबा ने जवाब दिए, लेकिन बेअदबी से जुड़े हर सवाल से पल्ला झाड़ लिया। ये है मामला 12 अक्टूबर, 2015 को गांव बरगाड़ी के गुरुद्वारा साहिब के बाहर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप की बेअदबी करने का मामला सामने आया था। इस घटना से सिख संगत में व्यापक स्तर पर रोष फैल गया था। तीन माह पहले एक जून 2015 को बरगाड़ी से सटे गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से पावन ग्रंथ का स्वरूप चोरी किया। 24-25 सितंबर 2015 की रात को गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला में ही गुरुद्वारा साहिब के बाहर अश्लील शब्दावली वाला पोस्टर लगाकर पुलिस प्रशासन व सिख संगत को चुनौती दी थी। पोस्टर लगाने की घटना के 18 दिन बाद ही बरगाड़ी में पावन ग्रंथ की बेअदबी कर दी गई। इस मामले में उस समय और ज्यादा तूल पकड़ लिया जब 14 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी से ही सटे गांव बहिबल कलां में बेअदबी मामले को लेकर सिख संगत के शांतिपूर्ण धरने को जबरन उठाने के लिए पुलिस ने सीधी फायरिंग कर दी।