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बाहर की दवाइयां खरीदकर लाने पर मरीज का इलाज करने से निजी अस्पताल का इंकार!

Written by  Arvind Kumar -- June 20th 2019 04:16 PM -- Updated: June 20th 2019 04:17 PM
बाहर की दवाइयां खरीदकर लाने पर मरीज का इलाज करने से निजी अस्पताल का इंकार!

बाहर की दवाइयां खरीदकर लाने पर मरीज का इलाज करने से निजी अस्पताल का इंकार!

बहादुरगढ़। (प्रदीप धनखड़) बहादुरगढ़ में एक निजी अस्पताल ने मनमानी करते हुए गंभीर रूप से जली हुई अवस्था में आई महिला पेशेंट का इलाज करने से मना कर दिया! महिला का इलाज करने से मना करने के पीछे का कारण सिर्फ इतना था कि उसका बेटा डॉक्टर द्वारा लिखी हुई दवाइयां सस्ते दामों पर अस्पताल के बाहर से खरीद कर ले आया। इसी बात से खफा होकर अस्पताल प्रबंधन ने महिला मरीज का इलाज करने से मना कर दिया। [caption id="attachment_309219" align="aligncenter" width="700"]Hospital 1 बाहर की दवाइयां खरीदकर लाने पर मरीज का इलाज करने से निजी अस्पताल का इंकार![/caption] मामला बहादुरगढ़ के निजी अस्पताल का है। जहां सुबह के समय आसौदा गांव से जली हुई अवस्था में ओमपति नाम की महिला मरीज को दाखिल करवाया गया था। डॉक्टरों ने उसके बेटे को दवाइयां लिखकर एक पर्ची पकड़ा दी। पर्ची पर लिखी हुई दवाइयां लेने के लिए महिला मरीज का बेटा अस्पताल से बाहर चला गया और अस्पताल के पास ही स्थित एक मेडिकल स्टोर से वो 20 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ दवाइयां ले आया। इस बात से खफा होकर निजी अस्पताल प्रबंधन ने महिला मरीज का इलाज करने से ही मना कर दिया। यह भी पढ़ें : हिरासत में मौत मामले में बर्खास्त IPS अधिकारी संजीव भट्ट को उम्रकैद [caption id="attachment_309221" align="alignleft" width="150"]Patient Relatives बाहर की दवाइयां खरीदकर लाने पर मरीज का इलाज करने से निजी अस्पताल का इंकार![/caption] मरीज के परिजनों का कहना है कि वह डॉक्टर द्वारा लिखी हुई कंपनी की दवाइयां ही बाहर से डिस्काउंट के साथ लेकर आए हैं। जबकि अस्पताल में यही दवाइयां बाहर के मुकाबले 20% तक अधिक दामों पर बेची जा रही हैं। पैसे बचाने के लिए उसने बाहर से दवाइयां खरीदी हैं। लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने संवेदनहीनता दिखाते हुए अपने लालच के चक्कर में उसकी मां का इलाज करने से ही मना कर दिया है। ऐसे में अब वे जाएं तो जाएं कहां। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन का भी साफ कहना है कि वे किसी मरीज को जबरदस्ती खींचकर इलाज के लिए नहीं लेकर आते। जिसका मन हो वह आए, लेकिन दवाइयां अस्पताल के अंदर से ही मरीजों को खरीदनी होगी। [caption id="attachment_309218" align="aligncenter" width="700"]Doctor 1 बाहर की दवाइयां खरीदकर लाने पर मरीज का इलाज करने से निजी अस्पताल का इंकार![/caption] डॉक्टर नितिन कुमारी का कहना है कि हर एक अस्पताल की ओपीडी फीस और दवाइयों के रेट अलग-अलग होते हैं। यह कहीं सस्ते तो कहीं महंगे होते हैं। लेकिन उनके अस्पताल में तय मानदंड रखे हुए हैं। सभी मरीजों को उन्हें ही फॉलो करना होगा। डॉक्टर साहिबा ने भी संवेदनहीनता दिखाते हुए साफ कहा है कि अगर उनके अस्पताल में किसी को इलाज करवाना है तो दवाइयां अस्पताल के अंदर से ही खरीदनी होगी, चाहे वह महंगी क्यों ना हो। यह भी पढ़ेंकब्र से खोदकर शव की काटी गर्दन, इलाके में तनाव

—PTC NEWS—
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