देश में गहराते बिजली संकट के बीच सरकार का बड़ा फैसला, कई पैसेंजर ट्रेनें रद्द
देशभर में गर्मी के कहर के बीच बिजली का संकट का जारी है। देश के कई राज्यों में बिजली की किल्लत है। स्थिति ये है कि कई राज्यों में 12 घंटे के कट लगाए जा रहे हैं। गर्मी के बीच बिजली की आंख मिचौली से लोगों का जीवन बेहाल है। बिजली सकंट का ना होने राज्यों के पास कोयले का कम स्टॉक होना बताया जा रहा है। बिजली संकट का असर पर देश की परिवहन सेवा पर भी पड़ने लगा है। इसी बीच यूपी में बिजली आपूर्ति बनाए रखने में मदद के लिए केंद्र सरकार ने कई सेंजर ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि इन गाड़ियों को इसलिए रद्द किया गया, ताकि थर्मल पावर स्टेशनों के लिए सप्लाई किए जा रहे कोयले से लदी माल गाड़ियों को आसानी से रास्ता प्रदान किया जा सके और समय से कोयला पहुंच सके। दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत देश के 13 राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा कोयले की कमी के चलते भी कई राज्यों में बिजली संकट पैदा हुआ है। उधर, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान में भी बिजली कटौती के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देश के बिजली संकट पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, रूस से गैस की आपूर्ति ठप हो गई है। हालांकि, थर्मल पावर प्लांट में 21 मिलियन टन कोयले का स्टॉक है। जो दस दिन के लिए काफी है। कोल इंडिया को मिलाकर भारत के पास कुल 30 लाख टन का स्टॉक है। ये 70 से 80 दिन का स्टॉक है। हालांकि, वर्तमान स्थिति स्थिर है। दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति में संभावित बाधा आने को लेकर चेतावनी दी। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्थिति का आकलन करने के लिए एक आपातकालीन बैठक की और केंद्र को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करें। कोयले की कमी बिजली संकट का कारण भीषण गर्मी को बिजली संकट के पीछे मुख्य वजह बताया जा रहा है। इसके अलावा कई राज्यों में कोयले की कमी की खबरें सामने आ रही हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने भी माना था कि कई राज्यों में कोयले की कमी है। उन्होंने कहा था, रूस यूक्रेन युद्ध के चलते कोयले के आयात पर असर पड़ा है। इसके अलावा बताया जा रहा है कि झारखंड में कोल कंपनियों को बकाया पेमेंट न देने के चलते कोयला संकट पैदा हुआ है।