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चीन के साथ सीमा समझौते के करीब पहुंचा भारत, राज्यसभा में बोले राजनाथ सिंह

Written by  Arvind Kumar -- February 11th 2021 12:37 PM -- Updated: February 11th 2021 12:44 PM
चीन के साथ सीमा समझौते के करीब पहुंचा भारत, राज्यसभा में बोले राजनाथ सिंह

चीन के साथ सीमा समझौते के करीब पहुंचा भारत, राज्यसभा में बोले राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। राज्यसभा में पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लद्दाख में चीन के साथ चल रहा गतिरोध अभी खत्म नहीं हुआ है। भारत ने चीन को हमेशा कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों देशों के प्रयास से ही विकसित हो सकते हैं, साथ ही सीमा विवाद को भी बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है। [caption id="attachment_473983" align="aligncenter" width="696"]Disengagement at Pangong Lake चीन के साथ सीमा समझौते के करीब पहुंचा भारत, राज्यसभा में बोले राजनाथ सिंह[/caption] रक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि अब तक कूटनीतिक और सैन्य वार्ताओं में चीन को भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि हम एक इंच भी जमीन किसी को नहीं लेने देंगे, इसी का नतीजा है कि हम चीन के साथ समझौते के करीब पहुंच गए हैं। पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे को लेकर चीन के साथ समझौता हो गया है। इस समझौते में हमने कुछ भी नहीं खोया है।

पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारों पर पीछे हटने का समझौता

उन्होंने चीन के साथ हुए समझौते के बारे में बताते हुए कहा कि सितंबर, 2020 से लगातार सैन्य और राजनयिक स्तर पर दोनों पक्षों में हुई बातचीत में इस विघटन का पारस्परिक स्वीकार्य तरीका निकाला गया है। सीमा के अग्रिम इलाकों में पिछले साल मई, 2020 के बाद की गई तैनातियों से दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के काफी नजदीक आ गई हैं। इसलिए समझौते में तय किया गया है कि दोनों सेनाएं वापस अपनी-अपनी स्थाई और मान्य चौकियों पर लौट जाएं। हमारे इस दृष्टिकोण और निरंतर वार्ता के फलस्वरूप चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारों पर पीछे हटने का समझौता हो गया है। समझौते में तय किया गया है कि पैन्गोंग झील क्षेत्र में दोनों पक्ष चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटायेंगे।

चीनी सेना फिंगर-8 पर अपनी पुरानी जगह पर जाएगी वापस

समझौते के अनुसार अभी फिंगर-4 एरिया में मौजूद चीनी सेना फिंगर-8 पर अपनी पुरानी जगह पर वापस जाएगी। इसी तरह भारतीय सेना अपने स्थायी आधार पर धन सिंह थापा पोस्ट में फिंगर 3 के पास स्थित होगी। इस तरह फिंगर-3 से फिंगर-8 के बीच का इलाका दोनों पक्षों के लिए बफर जोन बन जाएगा। दोनों पक्षों पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर एक समान कार्रवाई करेंगे।

बफर जोन में दोनों देशों की सेनाएं नहीं करेंगी पेट्रोलिंग

झील के दोनों किनारों पर अप्रैल, 2020 से दोनों पक्षों द्वारा बनाए गए किसी भी ढांचे को हटा दिया जाएगा और भूमि सुधारों को बहाल किया जाएगा। उत्तरी किनारे के लिए दोनों पक्षों ने सैन्य गतिविधियों पर एक अस्थायी रोक लगाने पर भी सहमति जताई है, जिसमें पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शामिल है। यानी चीन के साथ हुए विघटन समझौते के अनुसार बफर जोन में दोनों देशों की सेनाएं पेट्रोलिंग भी नहीं कर सकेंगी। भारत और चीन के बीच बनी सहमति के मुताबिक वापसी प्रक्रिया के लिए कई कदम उठाए जाने हैं, जिनमें से सबसे पहला बख्तरबंद टैंकों को पीछे करना है। यह भी पढ़ें-  अब भाजपा नेताओं का किसान हर जगह करेंगे विरोध: चढूनी यह भी पढ़ें- कृषि कानूनों पर लोकसभा में बोले पीएम मोदी- ना मंडी बंद हुई और ना ही MSP

चीन के साथ हुईं वार्ताओं में हमने कुछ भी नहीं खोया

राजनाथ सिंह ने बताया कि पेट्रोलिंग तभी फिर से शुरू की जाएगी जब दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य वार्ता में एक समझौते पर पहुंचेंगे। पांगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे पर इसी समझौते का कार्यान्वयन शुरू हुआ है। यह पिछले साल गतिरोध शुरू होने से पहले की स्थिति को काफी हद तक बहाल कर देगा। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि चीन के साथ हुईं वार्ताओं में हमने कुछ भी खोया नहीं है। सदन को यह भी जानना चाहिए कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ कुछ अन्य बिंदुओं पर तैनाती और गश्त के संबंध में अभी भी कुछ बकाया मुद्दे हैं जिन पर बाद में चर्चा होगी। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि जल्द से जल्द पूरी तरह से विघटन हासिल करना चाहिए और द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। अब तक चीनी पक्ष भी हमारे संकल्प से पूरी तरह अवगत है। इसलिए हमारी अपेक्षा है कि चीनी पक्ष इन शेष मुद्दों को हल करने के लिए पूरी ईमानदारी के साथ हमारे साथ काम करेगा।

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