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हुड्डा के बयान से विस अध्यक्ष खफा, बोले- सुर्खियां बटोरने के लिए नकारात्मक बयानबाजी ठीक नहीं

Written by  Arvind Kumar -- November 09th 2020 09:05 AM -- Updated: November 09th 2020 09:10 AM
हुड्डा के बयान से विस अध्यक्ष खफा, बोले- सुर्खियां बटोरने के लिए नकारात्मक बयानबाजी ठीक नहीं

हुड्डा के बयान से विस अध्यक्ष खफा, बोले- सुर्खियां बटोरने के लिए नकारात्मक बयानबाजी ठीक नहीं

चंडीगढ़। हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के उस बयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने सदन में लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया है। गुप्ता ने हुड्डा की ओर से मीडिया में दिए गए बयान को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही का संचालन पूरी तरह से नियमावली के तहत किया गया है, इसके बावजूद नेता प्रतिपक्ष ने इस विषय में अपना मत नकारात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है। ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर दल और जनप्रतिनिधि को सदन में अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है, लेकिन इसके लिए नियमावली का पालन आवश्यक है। यह नियम सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों पर समान रूप से लागू होते हैं। संसद की ओर से पारित कृषि संबंधी तीन विधेयकों के खिलाफ अगर कांग्रेस को हरियाणा विधान सभा में प्रस्ताव लेकर आना था तो इसके लिए इन विधायी नियमों का पालन किया जाना आवश्यक था, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया। यह भी पढ़ें- बाइडन का राष्ट्रपति बनना भारत के लिए क्या मायने रखता है? [caption id="attachment_447680" align="aligncenter" width="700"]Gian Chand Gupta on Bhupinder Singh Hooda हुड्डा के बयान से विस अध्यक्ष खफा, बोले- सुर्खियां बटोरने के लिए नकारात्मक बयानबाजी ठीक नहीं[/caption] उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अनेक अनुभवी नेता इस सदन के सदस्य हैं, इसलिए उन्हें इस नियम की ठीक से जानकारी होनी चाहिए कि कोई भी गैर सरकारी संकल्प या प्राइवेट मेंबर बिल सत्र शुरू होने से 15 दिन पहले ही पेश किया जा सकता है। अगर कांग्रेस केंद्र के कृषि विधेयकों के खिलाफ गैर सरकारी संकल्प या प्राइवेट मेंबर बिल लाना चाहती थी तो उसे निश्चित समय अवधि में लाना चाहिए था। इसके अलावा कांग्रेस जो प्रस्ताव लाई उसकी भाषा संसदीय आचरण के अनुरूप नहीं थी। विधायी कसौटियों पर खरा नहीं उतरने के कारण उस पर एलआर की सहमति भी नहीं मिल सकी। यह भी पढ़ें- हरियाणा: शादियों का ‘शौकीन’ NRI दूल्हा गिरफ्तार [caption id="attachment_447679" align="aligncenter" width="696"]Gian Chand Gupta on Bhupinder Singh Hooda हुड्डा के बयान से विस अध्यक्ष खफा, बोले- सुर्खियां बटोरने के लिए नकारात्मक बयानबाजी ठीक नहीं[/caption] गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस की ओर से लापरवाही का आलम यह था कि वे कृषि अधिनियमों के खिलाफ जो प्रस्ताव लेकर आ रहे थे, उसमें ‘अधिनियम’ की बजाय ‘अध्यादेश’ का जिक्र था। जबकि देश की संसद इन अध्यादेशों को पास कर अधिनियम के रूप में परिणित कर चुकी थी। educareसदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से पेश किए जा रहे कृषि विधेयकों पर धन्यवाद प्रस्ताव के विरोध में प्रस्ताव पेश करने की बात कही। जब कांग्रेस नेताओं को कार्य संचालन नियमावली बताई गई तो उन्होंने मुख्यमंत्री के धन्यवाद प्रस्ताव पर संशोधन लाने की बात कही। यह संशोधन प्रस्ताव न तो तकनीकी रूप से सही था और न इसकी भाषा ऐसी थी कि जिसके आधार पर इसे संशोधन प्रस्ताव माना जा सके। कांग्रेस की ओर से संशोधन प्रस्ताव के नाम पर जो लिखित सूचना दी गई थी, उसमें कहीं भी ‘संशोधन’ शब्द का जिक्र तक नहीं था। इतना ही नहीं उसमें यह भी स्पष्ट नहीं था कि धन्यवाद प्रस्ताव के किस हिस्से में संशोधन करना चाहते हैं। विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि शुक्रवार की कार्य सूची में मुख्यमंत्री के धन्यवाद प्रस्ताव का स्पष्ट रूप से उल्लेख था, इसके बावजूद कांग्रेस संशोधन प्रस्ताव समय पर नहीं लेकर आई। गुप्ता ने कहा कि विधान सभा के कार्य संचालन नियमावली के नियम 184 में स्पष्ट है कि सरकारी प्रस्ताव पर संशोधन प्रस्ताव पेश होने की स्थिति में उस पर सदन में चर्चा की जाती है। उसके बाद ही उस पर वोटिंग का प्रावधान है। कांग्रेस नेता यह जानते हुए भी न तो संशोधन समय पर लेकर आए और ही उसकी भाषा ऐसी थी कि उसे सदन की कार्यवाही का हिस्सा बना लिया जाए। कांग्रेस का ऐसा रवैया उसके गैरजिम्मेदारां व्यवहार को स्पष्ट करता है। [caption id="attachment_447678" align="aligncenter" width="700"]Gian Chand Gupta on Bhupinder Singh Hooda हुड्डा के बयान से विस अध्यक्ष खफा, बोले- सुर्खियां बटोरने के लिए नकारात्मक बयानबाजी ठीक नहीं[/caption] विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि हरियाणा के किसान वर्ग का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। इसलिए सदन में इतने गंभीर विषय पर चर्चा आवश्यक थी। कांग्रेस ने इस पर चर्चा का बहिष्कार कर न सिर्फ सदन की मर्यादाओं का उल्लंघन किया है बल्कि किसान हितों पर भी कुठाराघात किया है। बार-बार आग्रह के बावजूद कांग्रेस सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा नहीं लिया और वे वेल में आकर नारेबाजी करते रहे। यह स्पष्ट रूप से देखा जा रहा था कि ऐसा आचरण सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए किया और कांग्रेस पार्टी कृषि अधिनियमों के प्रति गंभीर नहीं थी। ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि सदन जनता के हितों को उठाने का सबसे बेहतर मंच है। जनता बड़ी उम्मीदों के साथ अपना जनप्रतिनिधि चुनती है। इसलिए उनका दायित्व बनता है कि वे अपने संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों से ऊपर उठकर जनहित के विषयों पर गंभीरतापूर्वक चर्चा करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने पहले सदन में मर्यादा के विपरीत आचरण किया गया उसके बाद मीडिया में नकारात्मक बयानबाजी करना उचित नहीं। इतने महत्वपूर्ण विषय पर वरिष्ठ नेताओं से गंभीर चर्चा की अपेक्षा थी, लेकिन पता नहीं किन कारणों से चर्चा में भाग नहीं लिया।


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