मोहाली ब्लास्ट में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का था हाथ, पंजाब को दहलाने की थी साजिश
मोहाली रॉकेट हमले के केस को पुलिस ने सुलझा लिया है। डीजीपी वीके भावरा ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले की पूरी जानकारी दी। डीजीपी वीके भावरा ने कहा कि केस का मुख्य आरोपी हरिवंदर सिंह रिंदा का करीबी और तरनतारन निवासी लखबीर सिंह लांडा है।
पंजाब के डीजीपी ने कहा कि ISI से मिलकर बब्बर खालसा और रिंदा ने इस वारदात को अंजाम दिलवाया था। जांच में सामने आया कि निशान सिंह और चढ़त सिंह इनके साथ मिले हुए थे। तरनतारन के रहने वाले चढ़त सिंह और दो अन्य लोग इस साजिश में शामिल थे। इसके अलावा इसमें निशान सिंह की भी भूमिका अहम थी। इसी ने दोनों लोगों को पनाह दी थी और आरपीजी मुहैया करवाया था। इस पर 14-15 केस हैं।
बलजिंदर सिंह ने AK 47 का प्रबंध करने के बाद इसे चढ़त सिंह को दिया। 7 मई को ये लोग मोहाली पहुंचे थे। इसके बाद इन्होंने मोहाली निवासी जगदीप सिंह कंग को लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराई। चढ़त सिंह और कंग ने रेकी की थी। पुलिस ने अब तक इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
इनके नाम कंवर बाथ, बलजीत कौर रैंबो, अनंतदीप सोनू, जगदीप कंग, निशान सिंह हैं। फिल्हाल रॉकेट दागने वाले दोनों आरोपी अभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए हैं। ये बिहार के रहने वाले हैं, जिनके नाम मोहम्मद नसीम आलम और सरफराज हैं, इन पर भी पुलिस की नजर है।
बता दें कि छह मई की शाम को पंजाब के सोहाना में स्थित महोली इंटेलिजेंस के हेडक्वार्टर पर आरपीजी से फायर किया गया था। इसके बाद हमलावर फरार हो गए थे। आरपीजी से किसी भी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ था।