सुमी में भारी गोलीबारी के बीच फंसे 700 भारतीय छात्र, सीजफायर टूटने के कारण नहीं निकल पाए बंकर से बाहर
russia Ukraine war: रूस और यूक्रेन में जंग को शुरू हुए 14 दिन से भी अधिक का समय हो गया है। यूक्रेन के कई शहरों पर बमबारी और गोलीबारी जारी है। जंग की वजह से 17 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। भारत सरकार अब तक यूक्रेन में फंसे 17 हजार से अधिक छात्रों को ऑपरेशन गंगा के जरिए बाहर निकाल चुकी है, लेकिन यूक्रेन के सुमी (Sumy) में अब भी 700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जो निकलने का इंतजार कर रहे हैं।
रूस की सीमा से महज 60 किलोमीटर दूर सुमी में दोनों देशों की सेनाओं में भारी संघर्ष हो रहा है। बमबारी और गोलीबारी लगातार हो रही है। सरकार यहां फंसे भारतीयों को निकालने की कोशिश कर रही है, लेकिन संघर्ष के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है।
यहां फंसे नागरिकों को बाहर निकालने के लिए रूस की ओर से सीजफायर का ऐलान किया गया था। फंसे भारतीयों को निकालने के लिए बसें पहुंच चुकी थीं। कई घंटे इंतजार के बाद छात्र बस में सवार होकर निकलने वाले ही थे कि तभी सीजफायर टूट गया और छात्रों को फिर से बंकरों में वापस जाने को कहा गया।
यूक्रेन में स्थित इंडियन एंबेसी का कहना है कि पोल्तावा के रास्ते सुमी से भारतीयों को निकालने के लिए एक टीम को लगाया गया है। एंबेसी ने छात्रों को सलाह दी है कि वो शॉर्ट नोटिस में निकलने के लिए तैयार रहें।
सुमी में फंसे एक भारतीय आशिक हुसैन ने न्यूज एजेंसी से कहा, 'हम कड़ाके की सर्दी में तीन घंटे तक लाइन में खड़े रहे, बस में बैठने का इंतजार कर ही रहे थे और बाद में बोल दिया गया कि हम नहीं जा सकते, ये सब कम खत्म होगा? हमारी इच्छाशक्ति गिर रही है। मनोबल टूट रहा है। हम अपडेट का अब भी इंतजार कर रहे हैं।'
25 वर्षीय मेडिकल स्टूडेंट जिस्ना जीजी ने बताया, 'इंडियन एंबेसी ने हमें पोल्तावा ले जाने के लिए 5-6 बसें भेजी थीं। हम बस में सवार हो गए थे, लेकिन सीजफायर टूटने के कारण हमें उतरने के लिए कहा गया। एंबेसी ने हमसे इंतजार करने को कहा है।'
फोर्थ ईयर के मेडिकल स्टूडेंट अजीत गंगाधरन ने कहा, 'हम पैदल जाने के लिए निकलने ही वाले थे, लेकिन हमें एंबेसी ने रूकने और कोई रिस्क न लेने को कहा। हम वापस लौट रहे हैं। लेकिन कब तक?' उन्होंने कहा, '10 दिन से हम यहां इंतजार कर रहे हैं और हमें बाहर निकलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।'
सुमी में फंसे भारतीय छात्र पिघलती बर्फ से अपनी प्यास बुझा रहे हैं। सैकड़ों छात्र रोज सुमी की सड़कों पर खड़े हो रहे हैं इस उम्मीद में कि उन्हें आज यहां से निकाल लिया जाएगा। पिछले कुछ दिनों से यहां फंसे छात्र इमरजेंसी मैसेज भेज रहे हैं और वीडियो पोस्ट कर रहे हैं।