कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने लगाए अमित शाह के बेटे जय शाह पर आर्थिक अपराध के आरोप
चंडीगढ़। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने देश के गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के बेटे और बीसीसीआई के सचिव जय शाह पर आर्थिक अपराधों के गंभीर आरोप लगाए हैं. पवन खेड़ा ने एक प्रेस स्टेटमेंट जारी कर जय शाह के खिलाफ आरोपों की नई फेहरिश्त सामने रखी है, कांग्रेस पहले भी जय शाह की कंपनी की आय में बेतहासा वृद्धि पर सवाल उठा चुकी है. वही कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर जय शाह पर हमला बोला है।
राहुल गाँधी के ट्वीट से कांग्रेस एक बार फिर भाजपा और जय शाह पर हमलावर हो गई है ‘कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा- अब इस स्टोरी की हत्या होगी, कनपट्टी पर बंदूक लगा कर’
[caption id="attachment_355623" align="alignnone" width="700"] कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने लगाए अमित शाह के बेटे जय शाह पर आर्थिक अपराध के आरोप[/caption]
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेडा ने बीसीसीई के नवनियुक्त सचिव जय शाह कि कंपनी पर आर्थिक अपराध करने के बावजूद सजा न होने का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि किसी व्यापारी के लिए अपनी कंपनी का लेखा जोखा हर वर्ष 31 अक्टूबर तक एमसीए में दर्ज करवाना पड़ता है लेकिन जय अमित शाह ने वित्तीय वर्ष 2017 एवं 2018 का लेखा जोखा दर्ज नहीं कराया अगर ऐसा किसी आम व्यापारी ने किया होता तो उसे 5 लाख का दंड देना पड़ता लेकिन ये दुर्भाग्य है कि शाह वंश के राजकुमार पर ऐसा कोई कानून लागू नहीं होता
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कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने लगाए अमित शाह के बेटे जय शाह पर आर्थिक अपराध के आरोप[/caption]
पवन खेड़ा ने कहा, ‘देश में जब भी कोई आर्थिक मंदी के विषय में कुछ बोलता है तो पूरी सरकार और मंत्री अलग अलग कुतर्क का सहारा ले कर यह बताने का प्रयास करते हैं कि भारत में कहीं कोई मंदी नहीं है. हां, यदि हम शाह वंश के सदस्य श्री जय अमित शाह के को देखें तो हमें भी लगेगा कि आर्थिक मंदी मात्र एक अफवाह है, कुछ सालों पहले अपने शाह परिवार के चमत्कारिक व्यापारिक किस्से सुने थे वो लोकसभा चुनाव कि प्रतीक्षा करते हैं और चुनाव के बाद एम॰सी॰ए॰ में अपनी कंपनी कुसुम फिसर्व का लेखा जोखा देते हैं आखिर क्या कारण है वो चुनाव कि प्रतीक्षा करते हैं ? कुसुम फ़िनसर्व की वार्षिक आय जो 2014 में 80 लाख थी, 2019 में आते आते 119.61 करोड़ हो गई. 2017 में तो 143.43 करोड़ तक बढ़ गई.
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