17 साल की अंतिम पंघाल ने अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में गोल्ड जीत रचा इतिहास, गांव पहुंचने पर जोरदार स्वागत

By  Vinod Kumar August 23rd 2022 12:41 PM

अंतिम पंघाल अंडर-20 वर्ल्‍ड चैंपियनशिप्‍स में गोल्‍ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं। अंतिम ने 18 अगस्त को बुल्‍गारिया के सोफिया में 53 किग्रा कैटेगरी के फाइनल में कजाख्‍स्‍तान की एटलिन शागयेवा को 8-0 से हराकर जीत दर्ज की है।

इस जीत के बाद रातों-रात स्टार बनने वाली अंतिम गांव में धूम-धाम से स्वागत किया गया। ढोल नगाड़ों के साथ उनके स्वागत में पूरा गांव इकट्ठा हुआ। अपनी इस उपलब्धि को लेकर पहलवान अंतिम पंघाल ने बताया कि वह शुरू से ही लक्ष्य लेकर चली थी कि जापान के साथ उनकी कुश्ती अच्छी रहे, क्योंकि जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत हमेशा जापान से हारता आ रहा है।

उन्होंने बताया कि कुश्ती की शुरुआत साल 2016 में की थी और उनकी बहन कबड्डी खिलाड़ी है उन्होंने उसे कुश्ती खेलने के लिए प्रेरित किया था। परिवारिक की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते समस्याएं हुई थी, लेकिन कभी परिवार हमेशा साथ खड़ा रहा और हमारे कोच ने भी बहुत सपोर्ट किया।

जब कुश्ती की प्रेक्टिस करने के लिए हमारे पूरे परिवार को गांव से हिसार शहर शिफ्ट होना पड़ा तब बहुत समस्या हुई, क्योंकि पापा खेती करते थे और उन्हें हर रोज गांव जाना पड़ता था। खेती में काफी नुकसान भी हुआ। एक समय ऐसा था जब आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी, लेकिन कभी परिवार वालों ने कुश्ती छोड़ने के लिए नहीं कहा। हमेशा मेरा साथ दिया। आज उन्हीं की बदौलत मैं इस मुकाम तक पहुंची हूं।

अंतिम पंघाल ने बताया कि अब उनका लक्ष्य 2024 ओलंपिक में गोल्ड मेडल है और उसके लिए अब वह विशेष तैयारी शुरू करुंगी। ओलंपिक के लिए मुझे अब ज्यादा प्रैक्टिस करनी पड़ेगी। अंतिम पंघाल ने अपना नाम अंतिम रखे जाने के पीछे कहानी बताते हुए कहा कि हम चार बहने हैं और मुझसे बड़ी तीन और है। मेरा नाम अंतिम इसलिए रखा गया था कि मेरे बाद कोई लड़का ही हो।

महिला पहलवान अंतिम पंघाल मूल रूप से हिसार के भगाना गांव की रहने वाली है। उनकी उम्र 17 साल है और उन्होंने कुश्ती के गुर हिसार में ही बाबा लाल दास अकादमी में कोच लीली पहलवान उर्फ सुनील से हासिल सीखे हैं।

अंतिम के कोच सुनील कुमार ने बताया कि करीब 5 साल पहले वह हिसार स्थित अकादमी में आई थी। उन्होंने कहा कि अंतिम ने इस अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में जिस प्रकार से अपने खेल का प्रदर्शन किया वह सर्वश्रेष्ठ था। अब हमारा अगला लक्ष्य है कि वह ओलंपिक में गोल्ड मेडल लेकर आए। परिवार की आर्थिक स्थिति को लेकर कोच ने कहा कि परिवार की आर्थिक स्थिति शुरू से ही कमजोर रही है और उनके पिता ने जितना हो सका अंतिम के लिए किया है। वह चाहते थे कि उनकी बेटी को किसी भी तरह की कमी महसूस ना हो और वह 1 दिन उनका नाम रोशन करे।

Related Post