Union Budget 2022-23: आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 का बजट पेश किया। इस साल भी निर्मला सीतारमण ने पेपरलेस बजट पेश किया। इस दौरान निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स और डिजिटल करेंसी को लेकर कई घोषणाएं की है।
डिजिटल करंसी पर 30 फीसदी टैक्स
डिजिटल करंसी (क्रिप्टोकरंसी) से इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है। इसके अलावा वर्चुअल करंसी के ट्रांसफर पर 1 फीसदी TDS भी लगेगा। इसका साफ मतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी भी टैक्स के दायरे में आ जाएगी। यह भी बताया गया है कि रुपये की डिजिटल करेंसी को इसी वित्त वर्ष चालू किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 2022-23 में RBI डिजिटल रुपी लाएगा।
आम बजट (Budget 2022) में वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि भारत में डिजिटल करंसी (Digital Currency) लॉन्च की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अपना डिजिटल करंसी लॉन्च करेगा। सरकार ने कहा कि रिजर्व बैंक अपना डिजिटल रूपी लॉन्च करेगा। ऐसी खबर पहले से थी कि सरकार क्रिप्टोकरंसी पर कोई सधा हुआ रुख अपनाएगी। हालांकि बजट से पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण में क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) पर कुछ नहीं कहा गया, लेकिन बाद में प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि सरकार क्रिप्टोकरंसी पर नपा-तुला और सधा हुआ रुख अपनाएगी।
इससे साफ हो गया कि सरकार बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाएगी, लेकिन क्या उसे वैध किया जाएगा, इस पर अभी असमंजस बना हुआ है। वित्त मंत्री ने बजट में साफ कर दिया कि रिजर्व बैंक अपना डिजिटल करंसी लेकर आएगा जिसे डिजिटल रुपी कहा जाएगा।
इसके साथ ही वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा है कि ITR में गड़बड़ी को सुधार करने के लिए 2 साल का समय मिलेगा। कॉर्पोरेट टैक्स को 12 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी करने का एलान कर दिया है।
आम आदमी को इस बजट में इनकम टैक्स के मोर्चे पर कोई राहत नहीं मिली है और इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका साफ अर्थ है कि टैक्स के रूप में जाने वाली पूंजी पर कोई बचत नहीं मिलेगी।
वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान कहा कि जनवरी में GST कलेक्शन रिकॉर्ड स्तर पर आया है। आर्थिक गतिविधियों में तेजी से जीएसटी कलेक्शन में महामारी के बावजूद अच्छा उछाल देखा गया है। राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा लाभों में मदद करने और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की कर कटौती की सीमा 10% से बढ़ाकर 14% की जाएगी।