फिर खुली चीन के झूठ की पोल, गलवान झड़प में मारे गए थे चीन के 38 सैनिक

By  Vinod Kumar February 3rd 2022 10:50 AM -- Updated: February 3rd 2022 12:06 PM

चीन के झूठ का एक बार फिर से पर्दाफाश हुआ है।गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुए संघर्ष में पीएलए ने किसी भी चीनी सैनिक की मौत से इनकार किया था। हालांकि बाद में चीन ने अपने कुछ सैनिकों की मौत की पुष्टि की थी लेकिन उसने आंकड़ा कम करके दुनिया के सामने दिखाया था।

अब एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार का दावा है कि गलवान में झड़प के दौरान आधिकारिक संख्या से कई गुना अधिक चीनी जवान मारे गए थे। नए रिसर्च में पता चला है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने गलवान घाटी में जंग के दौरान कम से कम नौ गुना अधिक सैनिकों को खो दिया था, लेकिन आधिकारिक तौर पर इस नुकसान को काफी कम करके बताया गया था। ऑस्ट्रेलियाई अखबार 'द क्लैक्सन' (The Klaxon) के एक लेख के मुताबिक चीन के कम से कम 38 सैनिक अंधेरे में तेज तेज बहाव के कारण नदी को पार करते वक्त डूब गए थे।

India China Border StandOff Fight Face Off | Claims Indian Army soldiers crossed border | Galwan Valley फाइल फोटो

ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने इस सारे मामले की जांच के लिए इंडिपेंडेंट सोशल मीडिया रिसर्चर्स की टीम तैयार की थी। जिसने 'गलवान डिकोडेड' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की। एंथनी क्लान की अगुआई वाली स्पेशल रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के कई सिपाही उस रात गलवान नदी में बह गए थे। इस रिसर्च रिपोर्ट ने ड्रैगन के सभी प्रोपेगैंडा​​​​​ को ध्वस्त कर दिया है।

रिपोर्ट में चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Weibo के हवाले से कहा गया है कि उस रात कम से कम 38 चीनी सैनिक डूब गए थे, जबकि चीन ने सिर्फ 4 सैनिकों की मौत की बात कबूली। इन 38 लोगों में जूनियर सार्जेंट वांग झुओरान भी शामिल था, जिन्हें चीन ने मेडल देने की घोषणा की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उस रात वास्तव में क्या हुआ था, किस वजह से झड़प हुई। इसके बारे में बहुत सारे फैक्ट बीजिंग द्वारा छिपाए गए। चीन ने दुनिया को मनगढ़ंत कहानियां सुनाईं। चीनी अधिकारियों ने कई ब्लॉग और पेज को हटा दिया, लेकिन चीन से मिले डिजिटल आर्काइव अलग ही कहानी बयां करते हैं।

India China Standoff | Indian Army on Firing Incident At LAC in Eastern Ladakh फाइल फोटो

ऑस्ट्रेलियाई अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि उस रात वांग के साथ कम से कम 38 पीएलए सैनिक डूबकर मरे थे। चीनी सैनिकों के अधिक संख्या में हताहत होने को लेकर रिपोर्ट में मुख्य भूमिका चीनी ब्लॉगर्स के साथ चर्चा, कुछ चीनी नागरिकों से प्राप्त जानकारी और मीडिया रिपोर्टों से जुड़ी एक साल की लंबी जांच का हवाला दिया गया है।

India-China face-off in Sikkim फाइल फोटो

द क्लैक्सन के अनुसार सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के समूह द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों से यह भी पता चलता है कि लड़ाई के बारे में चर्चा को शांत करने के लिए चीन ने काफी कोशिश की थी। अप्रैल 2020 के आसपास चीनी सेना ने गलवान घाटी में गतिविधियों को और तेज करना शुरू कर दिया था।

 

चीन ने गलवान में टेंट डगआउट और मशीनरी जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया था। मई 2020 की शुरुआत से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच न केवल गलवान घाटी में, बल्कि चीन-भारत सीमा के साथ-साथ लद्दाख और तिब्बत में पैंगोंग झील के पास कई प्वाइंट पर भी झड़पें हुईं थी।

 

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