भारत के खिलाफ साजिश बर्दाश्त से बाहर, पीएफआई पर प्रतिबंध सही फैसला: सीएम मनोहर लाल

By  Vinod Kumar September 29th 2022 05:08 PM

केंद्र की मोदी सरकार ने कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि पीएफआई को 5 साल के लिए बैन कर दिया है। गैर-कानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने के चलते पीएफआई पर ये बैन लगाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन में पीएफआई को गैर-कानूनी संस्था घोषित किया गया है।

देश के कई दिग्गज नेता इस पर प्रतिक्रिया दे रहे है। वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी पीएफआई को बैन करने पर प्रतिक्रिया दी है। सीएम मनोहर लाल ने ट्वीट करते हुए लिखा भारत में रहकर, भारत के खिलाफ साजिश बर्दाश्त से बाहर है। देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सहयोगी संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंध का मैं स्वागत करता हूं।

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पीएफआई पर सर्जिकल स्ट्राइक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में नए भारत की सशक्तता का परिचायक है। बता दें कि इस बैन के बाद पीएफआई ना कोई कार्यक्रम आयोजित कर सकती है ना ही उसका कोई दफ्तर होगा, ना कोई सदस्यता अभियान चलेगा और ना ही किसी प्रकार की फंडिंग ली जाएगी।

क्या है पीएफआई?

पीएफआई यानि पॉपुलर फ्रंड ऑफ इंडिया एक ऐसा संगठन है जो खुद को खास तौर से मुसलमानों, पिछड़ों और दलित वर्ग के उत्थान के लिए काम करने वाला समाजसेवी संगठन बताता है लेकिन इसके गठन के बाद से ही इस पर समाज विरोधी गतिविधियों और देशविरोधी कामों के आरोप लगते रहे हैं। 17 फरवरी साल 2007 में पीएफआई का गठन हुआ था कर्नाटक औऱ केरल जैसे दक्षिणी राज्यों में इसकी अच्छी पकड़ है लेकिन साथ ही पीएफआई का दावा है कि देश के 23 राज्यों में इसके कार्यकर्ता सक्रिय है। जांच एजेंसियों के मुताबिक। दिल्ली में सीएए प्रदर्शन को लेकर साल 2020 में हुए दंगों में भी पीएफआई की सक्रिय भूमिका थी।

पीएफआई पर ये हैं बड़े आरोप

देशविरोधी ताकतों का साथ देने, आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और देश का आपसी सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रचने के पीएफआई पर आरोप लगते रहे हैं। इसके साथ ही देश की अखंडता को प्रभावित करने के आरोप में भी पीएफआई पर ये बड़ी कार्रवाई की गई है। इस बीच पीएफआई के करीब 100 से ज्यादा बड़े नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया है।

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