हिसार। ई-मेल और संचार के आधुनिक युग में सिकुड़ता जा रहा डाक विभाग कोरोना जैसी महामारी के दौरान किए गए लॉक डाउन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आम प्रचलन में पत्रों का इस्तेमाल कम होने के कारण डाक विभाग की लोकप्रियता निरंतर कम हुई है। लॉक डाउन में डाक विभाग दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए लॉक डाउन में अहम भूमिका निभा रहा है। भारतीय डाक विभाग ने लोक डाउन में आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम में बदलाव करते हुए ग्राहकों के लिए डाक मित्र ऐप लॉन्च की है। डाक मित्र एप के माध्यम से जरूरतमंद व्यक्ति घर बैठे बिना किसी शुल्क के डाकिए के माध्यम से किसी भी बैंक में अपनी जमा राशि घर पर मंगवा सकता है।
डाक मित्र एप की खास बात यह है कि ग्राहक का खाता किसी भी बैंक में हो लेकिन आधार कार्ड से जुड़ा होना चाहिए। इसके लिए अलग-अलग बैंकों ने प्रतिदिन और महीने की अलग-अलग ट्रांजैक्शन लिमिट निर्धारित की है। हिसार पोस्ट ऑफिस जॉन के अंदर सिरसा, फतेहाबाद और हिसार जिला शामिल हैं। इन तीनों जिलों में अब तक 7088 ट्रांजैक्शन की जा चुकी हैं जो लगभग 1 करोड़ 94 लाख रुपए की है।
पोस्ट ऑफिस के सुपरिटेंडेंट अनिल कुमार रोज ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की तरफ से 1 सितंबर 2018 को इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की शुरुआत की जिसके 1 साल पूरा होने पर आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम की शुरुआत की गई थी। इसके माध्यम से ग्राहक पोस्ट ऑफिस में आकर अपना आधार कार्ड नंबर और अंगूठा लगाकर पेमेंट निकाल सका है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए किए गए लॉक डाउन में ग्राहकों को बैंक और पोस्ट ऑफिस जाने में दिक्कत को देखते हुए डाक विभाग ने ऐप बनाया है, जिसके माध्यम से ग्राहक पैसों की मांग कर सकता है। इसके लिए उसका खाता किसी भी बैंक में हो लेकिन आधार कार्ड से जुड़ा होना चाहिए। डाक विभाग के पोस्टमैन उस ग्राहक को उसके दिए पते पर पैसे देकर आएंगे। इससे लॉक डाउन को सफल बनाए जाने के साथ-साथ बैंकों में भीड़ भी कम होगी। आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम से अब तक 7088 ग्राहकों को उनके बताए पते पर राशि पहुंचाई जा चुकी है जो लगभग 1 करोड़ 94 लाख रुपए की है।
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