तिलक भारद्वाज/यमुनानगर: एक बार फिर किसान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं। संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वाहन पर 31 जनवरी को देशभर में एसकेएम से जुड़े किसान संगठन जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय प्रदर्शन कर सरकार का पुतला फूंकेंगे।
किसान मोर्चा का कहना है कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेते समय किसानों की कुछ मांगो पर भी सहमति जताई थी, लेकिन उनकी मांगों पर आज तक भी कोई काम सरकार की ओर से नहीं किया गया है। 31 जनवरी को इसके खिलाफ किसान अपना विरोध दर्ज करवाएंगे।
फाइल फोटो
यमुनानगर के कस्बा रादौर में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा सरकार की इस वायदा खिलाफ के विरोध में यह एक दिवसीय वादाखिलाफी दिवस मनाया जाएगा, जिसके तहत देशभर के किसान इस दिन जिला मुख्यालयों पर सरकार का पुतला फूंक कर अपना रोष जाहिर करेंगे।
वहीं, उन्होंने बरसात की वजह से नष्ट हुई फसलों की गिरदावरी करवाए जाने की प्रदेश सरकार से मांग भी की है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार जल्दी अधिकारियों को खेतों में भेज कर खास गिरदावरी करवा कर किसानों को तुरंत मुआवजा दिलवाए। किसान मुआवजे की मांग को लेकर अधिकारियों के दरवाजों पर चक्कर पर चक्कर लगाकर परेशान हो रहे हैं। ऐसे में किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान
कुछ किसान संगठनों द्वारा चुनाव लड़ने के सवाल पर प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि अभी किसान आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। बल्कि आंदोलन को स्थगित किया गया है और ऐसी स्थिति में आंदोलन के बीच में राजनीति करने का रास्ता चुन कर उन किसान नेताओं ने किसानों के साथ कुठाराघात किया है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान
मान ने इस संबंध में मोर्चे द्वारा लिए गए निर्णय से अवगत करवाते हुए कहा कि राजनीति करने वाले किसान नेताओं को संयुक्त किसान मोर्चा से 4 महीने के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।