नई दिल्ली। सोशल मीडिया कंपनियों के लिए भारत में नए नियम लागू हो गए हैं। लेकिन अभी तक कई कंपनियों ने इन कानूनों की पालना को लेकर अपनी राय स्पष्ट नहीं की है। इस बीच गूगल और अल्फाबेट सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि दूसरे देशों में भी कंपनी वहां के लोकल कानून के हिसाब से काम करती है।
उन्होंने कहा कि गूगल लोकल कानूनों के तहत काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार के साथ नए रेग्यूलेटर फ्रेमवर्क के अनुपालन के लिए सरकार के साथ मिल कर काम करेगा।
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हालांकि अभी तक WhatsApp को लेकर कन्फ्यूजन बरकरार है। WhatsApp ने सरकार के नए नियमों पर कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा है। बहरहाल देखना होगा कि कंपनी इस पर क्या कदम उठाती है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में कंप्लायंस अधिकारी, नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए कहा था। साथ ही सभी का कार्यक्षेत्र भारत में होना जरूरी रखा गया था। शिकायत समाधान, आपत्तिजनक कंटेट की निगरानी, कंप्लायंस रिपोर्ट और आपत्तिजनक सामग्री को हटाना आदि भी नए नियम में शामिल है।
आपको बता दें कि अगर ये कंपनियां सरकार के नियमों का पालन नहीं करती हैं तो उनका इंटरमीडियरी स्टेटस छिन सकता है और वे भारत के मौजूदा कानूनों के तहत आपराधिक कार्रवाई के दायरे में आ सकती हैं। अभी तक आईटी ऐक्ट की धारा 79 के तहत उन्हें इंटरमीडियरी के नाते लाइबलिटी से छूट मिली हुई है।