चंडीगढ़: फरलो (furlough) पर जेल से बाहर आए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को Z+ सिक्योरिटी दी गई है। हरियाणा सरकार का मानना है कि राम रहीम को खालिस्तानी आतंकियों से जान का खतरा है। सरकार ने राम रहीम की सुरक्षा खतरा एडीजीपी (CID) की रिपोर्ट के आधार पर बताया है। सरकार ने कहा कि खालिस्तान समर्थक डेरा प्रमुख को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए उन्हें सख्त सिक्योरिटी दी जा रही है।
इधर, पंजाब के समाना से निर्दलीय उम्मीदवार परमजीत सिंह सोहाली ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। याची ने कहा है कि पंजाब में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राम रहीम को राजनीतिक लाभ लेने के लिए फरलो दी गई है। राम रहीम का पंजाब की कई सीटों पर गहरा प्रभाव है और ऐसे में उसकी फरलो से पंजाब में शांति भंग हो सकती है। याची ने कहा कि राम रहीम की फरलो से चुनाव की निष्पक्षता भी प्रभावित होगी। इसके साथ ही अंशुल छत्रपति ने भी हाईकोर्ट में राम रहीम को फरलो देने के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
पूर्व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और दो डेरा शिष्यों के बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे राम रहीम को रोहतक की सुनारिया जेल से 21 दिन की फरलो पर 7 फरवरी को बाहर आया था।
पैरोल मिलने के बाद राम रहीम रोहतक जेल से लग्जरी कार में कड़ी सुरक्षा के बीच शाम पांच बजे गुरुग्राम पहुंचा था। छह गाड़ियों के काफिले में पुलिस की गाड़ियां भी शामिल थी। राम रहीम जिस गाड़ी में सवार था, उसके शीशों पर काले पर्दे लगाए गए थे। गाड़ी सीधे आश्रम के अंदर पार्किंग में जाकर रुकी थी।
किसे मिलती है Z + सिक्योरिटी
सरकार सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए गए व्यापक खतरे के आकलन के आधार पर किसी व्यक्ति को सुरक्षा विवरण प्रदान करती है। भारत में एक्स, वाई, वाई-प्लस, जेड और जेड-प्लस की सुरक्षा दी जा जाती है। अंतिम श्रेणी सबसे ऊंची है। देश में केवल सबसे महत्वपूर्ण लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है। इन श्रेणियों के अलावा एसपीजी (विशेष सुरक्षा समूह) कवर केवल प्रधानमंत्री और उनके परिवार परिवार के लिए है।
Z-Plus श्रेणी के लोगों को मोबाइल सुरक्षा के लिए 10 और निवास सुरक्षा के लिए दो सुरक्षाकर्मी मिलते हैं। जेड-प्लस स्तर की सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड कमांडो द्वारा प्रदान की जाती है।