वेतन पुनरीक्षण मामले में उच्च न्यायालय ने सरकार को लगाई फटकार, 5 लाख का जुर्माना तय

पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा राज्य की निष्क्रियता की निंदा करते हुए तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कर्मचारी को 16 साल से अधिक समय तक वेतन संशोधन के लिए इंतजार कराने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

By  Shivesh jha March 18th 2023 12:18 PM

पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा राज्य की निष्क्रियता की निंदा करते हुए तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कर्मचारी को 16 साल से अधिक समय तक वेतन संशोधन के लिए इंतजार कराने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा याचिकाकर्ता को 16 साल से अधिक अवधि तक परेशान करने के लिए राशि का भुगतान किया जाना था।

राज्य को पेंशन के पुनर्निर्धारण के उद्देश्य से याचिकाकर्ता को 1 जनवरी 2006 से संशोधित वेतनमान प्रदान करने के लिए सभी सुधारात्मक उपाय उठाने का भी निर्देश दिया गया था। इस उद्देश्य के लिए न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह ने तीन महीने की समय सीमा तय की। यह स्पष्ट करते हुए कि याचिकाकर्ता भी संशोधित पेंशन के बकाया पर छह प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज के हकदार होंगे।

बता दें कि याचिकाकर्ता सत प्रकाश अरोड़ा ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और अन्य प्रतिवादियों को उनकी सेवानिवृत्ति के समय डिप्टी रजिस्ट्रार के रूप में प्राप्त अंतिम वेतन के अनुसार उनकी पेंशन और पेंशन संबंधी लाभों को संशोधित करने के निर्देश जारी करने के लिए न्यायालय का रुख किया था।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह की खंडपीठ को बताया गया कि याचिकाकर्ता की पेंशन राज्य द्वारा 1 जनवरी 2006 से संशोधित नहीं की गई थी। नतीजतन, विश्वविद्यालय इसे लागू नहीं कर सका।

मामले के तकनीकी पहलू का उल्लेख करते हुए न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता की पेंशन को संशोधित नहीं करने का कारण यह प्रतीत होता है कि पूर्व-संशोधित वेतनमान के अनुरूप कोई संशोधित वेतनमान प्रदान नहीं किया गया था।

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