हरियाणा में पेयजल के 14 हजार सेंपल फेल, आर्सेनिक-यूरेनियम मिला...कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा
हरियाणा में पेयजल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जल जीवन मिशन के मुताबिक हरियाणा के 20 हजार 194 पानी के सैंपलों की जांच में 13,828 सैंपल जांच में फेल हो गए हैं। पानी में इन पदार्थों की मात्रा बढ़ने से स्किन, लंग्स, किडनी और यूरिन कैंसर जैसी घातक बिमारियों की खतरा बढ़ जाता है। 8702 सैंपल में बैक्टिरियल कंटेमिनेशन मिला है।
चंडीगढ़: सरकार ने देश की जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन ये योजनाएं धरातल पर दम तोड़ रही हैं। हरियाणा में पेयजल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जल जीवन मिशन के मुताबिक हरियाणा के 20 हजार 194 पानी के सैंपलों की जांच में 13,828 सैंपल जांच में फेल हो गए हैं।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक पानी 5,126 सैंपल में आर्सेनिक (As) मरकरी (Hg) और यूरेनियम (U) की मात्रा अधिक मिली है। पानी में इन पदार्थों की मात्रा बढ़ने से स्किन, लंग्स, किडनी और यूरिन कैंसर जैसी घातक बिमारियों की खतरा बढ़ जाता है। जल जीवन मिशन की टीम ने ड्रिंकिंग वॉटर टेस्टिग (drinking water testing) के लिए हरियाणा के ग्रामीण जल आपूर्ति के स्रोतों, वॉटर सप्लाई पाइंट के साथ सार्वजनिक और निजी जल निकायों को मिलकार पूरे हरियाणा से 77 हजार सैंपल भरे थे। इनमें से 20,194 सैंपल की टेस्टिंग हुई थी। कुल जांचे गए सैंपल में से 16 प्रतिशत सैंपल जांच में फेल हो गए।
8702 सैंपल में बैक्टिरियल कंटेमिनेशन मिला है। इस पानी को पीने से दस्त, उल्टी, ऐंठन, मितली, सिरदर्द, बुखार और थकान समेत दूसरी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। जिलेवार नमूनों की जांच में सबसे अधिक यह समस्या भिवानी जिले में मिली है। यहां 1921 नमूनों में ये समस्या मिली है। इसके अलावा सोनीपत, गुरुग्राम, जींद और महेंद्रगढ़ में भी यही समस्या देखने को मिली है।
बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कई विधायकों ने उनके हल्के में हो रही दूषित पानी की सप्लाई की समस्या को उठाया था, इसके बाद सरकार ने इसकी रिपोर्ट तलब कर ली थी।